महीनों चलेगा कोरोना का हैंग ओवर, जानिए कौन सी इंडस्ट्री होंगी बुरी तरह से प्रभावित। कोरोना महामारी ने हर इंसान की जिंदगी को शतर...
महीनों चलेगा कोरोना का हैंग ओवर, जानिए कौन सी इंडस्ट्री होंगी बुरी तरह से प्रभावित।
कोरोना महामारी ने हर इंसान की जिंदगी को शतरंज में बदल दिया है कोई जीतेगा तो कोई बुरी तरह से हारेगा। कोरोना खत्म होने के बाद भी लोगों के दिमाग में डर बना रहेगा। ये भी कहा जा रहा है कि इस वायरस से जो ठीक भी हो जाएगा वो कुछ दिनों तक दूसरे लोगों को इन्फेक्ट कर सकता है। मेरी सलाह है कि आप सभी कुछ भी करके किसी तरह कुछ महीनों तक सर्वाइव करिये। आज आपको अपनी रिसर्च के आधार पर बताता हूं कि कौन से उद्योग कोरोना की वजह सबसे ज्यादा चोट खाने वाले हैं।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री
एक दो उदाहरणों को छोड़ दें तो ये इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली है। इस इंडस्ट्री के हालात पहले से ही बुरे चल रहे थे।
रीयल स्टेट
रीयल स्टेट इंडस्ट्री की स्थिति पिछले कई सालों से बुरी स्थिति में थी। कोरोना की वजह से रेंग रहे इस उद्योग की आशा की किरण भी बुझ गई है। कोरोना काल के कई महीनों बाद भी लोग प्रॉपर्टी खरीने से बचेंगे।
ज्वैलरी इंडस्ट्री
जिनकी मजबूरी है वो और भी कम बजट में ज्वैलरी खरीदेंगे। पार्टी और भीड़-भाड़ कम होने की वजह से ज्वैलरी इंडस्ट्री को बड़ी चोट लगेगी। लोग कम ज्वैलरी खरीदेंगे।
फर्नीचर-होम एसेसरीज
फर्नीचर-पर्दे, सोफा-मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री पर भी लाल बत्ती जल रही है। लोग नया फर्नीचर बहुत कम खरीदेंगे।
लक्जरी-प्रीमियम क्लॉथिंग
इस पीरियड में फंक्शन कम होने की वजह से लोग दिखावे में नहीं जायेंगे। लोग महंगे कपड़े बिल्कुल भी नहीं खरीदेंगे। आने वाले 2-3 सालों तक पुराने कपड़ों से लोग काम चलाएंगे।
होटल, एयरलाइंस और ट्रैवल एजेंसी
ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर ने कभी अपनी जिंदगी में सोचा नहीं होगा कि कोरोना की वजह से इस इंडस्ट्री को सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा। लोकल टैक्सी ऑपरेटर ओला, ऊबर भी बिजनेस में घाटे की चोट खाएंगे। हां एक खास बात ये भी है कि कोरोना का डर खत्म होते ही लोग अपने परिवार के साथ यात्राओं में बाहर निकलकर अपना तनाव जरूर दूर करेंगे। देर से ही सही ट्रैवल सेक्टर 2-3 साल बाद तेजी से बूम करेगा।
नॉन होम एंटरटेन्मेंट
भीड़भाड़ वाली जगह जैसे रेस्टोरेंट, मॉल सोशल डिस्टैंसिंग की वजह से तगड़ा घाटा खाने वाले हैं। इस इंडस्ट्री को उठने में कई महीने लग जाएंगे।
सर्विस सेक्टर
नए कर्मचारियों की हायरिंग कम हो जाएगी मगर कर्मचारियों की छटनी बड़ी संख्या में होगी। कॉस्ट कटिंग कंपनियां तेजी से करेंगी।
सरकारी ठेके और उससे जुड़े काम
जिन फर्म और एजेन्सियों का बिजनेस सरकार के लिए काम करना होता है उनको सबसे बड़ा झटका लगेगा। इसकी वजह बड़ी है। कोरोना से निपटने में सरकार का पैसा खर्च होगा। चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार सभी के पास पैसों की क्राइसिस आएगी। नए प्रोजेक्ट अगले 2-3 साल तक शुरू नहीं होंगे पुराने प्रोजेक्ट के पेमेंट फंस जाएंगे।
कोरोना प्रभावित भारतीय व्यापार की स्थितियां.....
-कोरोना की वजह से इकॉनमी में बनेंगे ये 3 कर्व (वक्र)-
'V' Curve- कोरोना ने आते ही अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित करना शुरू किया। दो तीन महीने चला फिर समाप्त हो गया। कोरोना की वजह से इकॉनमी नीचे तो गिरी मगर थोड़ी देर बाद इकॉनमी फिर से अपनी पुरानी स्थिति पर पहुंच गई। कम नुकसान पर ही धंधे की गाड़ी संभल गई।
'U' Curve- कोरोना आया कई महीनों तक इकॉनमी नीचे ही गिरी रही। यू कर्व का मतलब जबतक वैक्सीन नहीं बनती तब तक इकॉनमी डाउन ही रहेगी। वैक्सीन बनने के बाद इकॉनमी ऊपर उठेगी।
'W' Curve- कोरोना आया, दो तीन महीने चला। सबको लगा कि ये खत्म हो गया। मगर V कर्व बनने से पहले ही कोरोना वापस आ गया। जिसकी वजह से वापस लॉकडाउन किया गया। कहीं हाफ लॉकडाउन तो कहीं सख्ती से फुल लॉकडाउन। इस वजह से बिजनेस को संभलने में काफी समय लगेगा मगर इकॉनमी 4-5 सालों में अपनी पुरानी स्थिति में पहुंच जाएगी। जबतक वैक्सीन मार्केट में नहीं आयेगी। इसमें रिकवरी का समय बढ़ जाएगा।
कोरोना केवल मंदी लायेगा, भारत में डिप्रेशन की स्थितियां नहीं बनेंगी
भारतीय व्यापारियों की स्थिति कोरोना से डिप्रेशन झेल रहे बाकी देशों के व्यापारियों से काफी बेहतर रहने वाली है। इसकी वजह बड़ी है। अगर पूरे विश्व की जीडीपी से भारत की तुलना की जाए तो केवल 2020 में की गई न्यूनतम भारतीय जीडीपी रेटिंग The Economic Intelligence Unit (E.I.U) के अनुसार 2.1 है। वहीं अगर वर्ल्ड जीडीपी की बात करें तो JP Morgan के अनुसार न्यूनतम जीडीपी रेटिंग -1.1 हो सकती है। कोरोना के बाद कस्टमर के सेंटिमेंट पर कन्ज्यूमर साइकॉलजी काम करेगी। जिस चीज- की तत्काल जरूरत नहीं है ग्राहक उसको हाथ भी नहीं लगायेगा।
डर की वजह से काम आने वाले प्रोडक्ट और सर्विसेस के दिन बहुरेंगे-
हॉस्पिटल, टेस्ट लैबोरेट्री, इंश्योरेंस, हेल्थ फूड सप्लीटमेंट्स, होम एक्सरसाइज एक्विवपमेंट, होम मेडिकल इक्विपमेंट, सैनेटाइजर, सोप, मास्क, साबुन ई-कॉमर्स बिजनेस तेजी से आसमान पर पहुंचेंगे- ई-लर्निंग, ई-मीटिंग, डिजिटल मार्केटिंग, ई-ऑटोमेशन (रिमोटवर्किंग), डिजिटल एंटरटेन्मेंट, ई-सिक्योरिटी, रिमोट सेंसिंग इक्विपमेंट, ई-वॉलेट इत्यादि।
लेखक - भरतकुमार सोलंकी, वित्त विशेषज्ञ
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