बाड़मेर के जीनगर परिवार से कर्मवीर पति पत्नी निभा रहे हैं अपना धर्म। @गणेश जैन जैसलमेर/फलसुण्ड। स्थानीय थाने में बतौर थानेदा...
बाड़मेर के जीनगर परिवार से कर्मवीर पति पत्नी निभा रहे हैं अपना धर्म।
@गणेश जैन
जैसलमेर/फलसुण्ड। स्थानीय थाने में बतौर थानेदार तैनात बाड़मेर निवासी देवकिशन जीनगर ओर फलोदी के राजकीय चिकित्सालय में जीएनएम के पद पर इनकी पत्नी सुषमा जीनगर दोनों ही देश के प्रति कोविड -19 को भगाने में अपना फर्ज निभा रहे हैं। एक तरफ जहां कोरोना महामारी पुरे विश्व के लिए संकट बनी हुई है वह इस संकट की घड़ी में हमारे अपनो को महफूज रखने में अपने ही आसपास के परिवारों के कार्मिक कोरोना वारियर्स के रूप में इस अदृश्य ख़तरे से हमेशा दो - दो हाथ करते नजर आ रहे हैं। हम आप सभी पाठकों के लिए हमेशा से ही किसी न किसी सख्सियत से रूबरू करवाते है या कोरोना से बचाव में लगे जाबांजो के बारे में बताते हैं। आज हम आपको रूबरू करवाते हैं वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना के इस अदृश्य ख़तरे से खेलने वाले दो कर्मवीरों से वो भी पति ओर पत्नी जो इस संक्रमण को रोकने और लोगों के जीवन को बचाने में लगे हुए हैं। बाड़मेर सिटी निवासी रामचंद्र जीनगर के दो बेटे हैं उनमें से एक बेटा बाड़मेर में फ़ुट वेयर की शॉप चलाता हैं ओर एक राजस्थान पुलिस में हैं। राजस्थान पुलिस में सेवारत देव किशन जीनगर हाल में जैसलमेर जिले के फलसुंड गांव में तैनात है बतौर थानाधिकारी के पद पर तैनात हैं। और देविकशन जीनगर की धर्मपत्नी सुषमा जीनगर चिकित्सा विभाग में कार्यरत हैं जो फिलहाल जोधपुर जिले के फलोदी राजकीय चिकित्सालय में जीएनएम पद पर है। जो इस महामारी में मरीजों की स्क्रीन, होम आईसोलेट किए मरिजो की देखभाल कर के अपना फर्ज निभा रही हैं। कोरोना से झुंझते इस संकट की घड़ी में बचाव में जुटे हर कर्मवीर योद्धाओं के साथ ये पति पत्नी दोनों आमजन की मदद के लिए आगे खड़े नज़र आ रहे हैं। इन दिनों पति पत्नी दोनों अपना राज धर्म निभा रहे हैं। फलसुंड थानाधिकारी पिछले 3 महीने से अपने घर नहीं गये हैं और न ही अपने माता - पिता, बीवी, बच्चो से मिले हैं सिर्फ़ उनसे वीडियो कॉल से बात होती हैं। चूंकि दोनों जिलों में कोरोना के पॉजिटिव है ओर दोनो ही जिले सुरक्षा के लिहाज से सील हैं।फलसुंड थानाधिकारी देव किशन जीनगर अपनी टीम के साथ लॉक डाउन की सख्त ड्यूटी के लिए सुबह थाने के काम निपटा कर निकल जाते हैं। उसके बाद दिन भर थाना क्षेत्र में रहकर लोगों को लॉक डाऊन व सोशल डिस्टेंस की पालना और कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए समझाइश करते हैं। इसके बाद नियमित रुप से पुलिस नाकों पर जाकर मुस्तैदी से ड्यूटी देने के लिए कार्मिकों की हौसला अफजाई करते हैं। उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देश से 5 दिन पुर्व तक तो थाना क्षेत्र में रुके प्रवासी- अप्रवासी मजदूरों की सूबह शाम सुध लेना, उनके खाने पिने राशन पानी की व्यवस्था तक की जिम्मेदारी बखूबी निभाई हैं। बाहर के अप्रवासियों को अपने - अपने गांव भेजकर मजदूरों का दिल जित लिया है। खुद सेनेटाइज करते और दुसरो को सलाह दे रहे हैं। वही सुषमा ज़िगर जो अपना और अपने दो छोटे बच्चों का ध्यान रखते हुए ड्यूटी पर तैनात है। सुबह घर का काम करके छोटे-छोटे बच्चों को घर पर या पास के घर पर छोड़कर अस्पताल ड्यूटी पर जाती है, कोरोना को हराने में लगे दोनों पति-पत्नी एक दूसरे के परिवार से दुर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है।
कोई टिप्पणी नहीं