हर खतरें के लिए अलर्ट, कोरोना वारियर्स की भूमिका में बाड़मेर पुलिस। - एसपी एवं एएसपी के निर्देशन में कोरोना से जंग में जुटी बाड़म...
- एसपी एवं एएसपी के निर्देशन में कोरोना से जंग में जुटी बाड़मेर पुलिस।
बाड़मेर। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में पुलिस कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रही है। गुजरात एवं अन्य जिलां से सटी चेक पोस्ट के अलावा बाड़मेर जिले की सीमा में पुलिस ने कोरोना की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम किए है। पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह भाटी के साथ अन्य पुलिस अधिकारी टीम वर्क के जरिए कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे है। चेक पोस्टां पर प्रवासियां के चिकित्सकीय परीक्षण करवाने के साथ कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर कोरोना संक्रमण से लंबे समय मुक्त रहा। अन्य जिलों एवं राज्यों से आए लोगों के कारण अब कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए है। जिला एवं पुलिस प्रशासन के समन्वित प्रयासों का नतीजा है कि बाड़मेर जिले का अधिकतर हिस्सा कोरोना मुक्त है। आमजन ने कोरोना से जंग में पूरा सहयोग दिया है।
पुलिस अधीक्षक आनंद शर्माः
कानून व्यवस्था के साथ प्रवासियों की आवाजाही की चुनौती।
बाड़मेर जिले में कोरोना से निपटने में आईपीएस आनंद शर्मा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। शर्मा पुलिस महकमे में ब्रिलिएंट अधिकारी के रूप में जाने जाते है। मौजूदा समय में इनके निर्देशन में कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉक डाउन के दौरान एडवायजरी एवं मास्क की अनिवार्यता की पालना सुनिश्चित की जा रही है। बाड़मेर पुलिस के सामने प्रवासियां को जिले में प्रवेश दिलाने की मुख्य भूमिका थी। पुलिस अधीक्षक शर्मा के नेतृत्व में बाड़मेर पुलिस इस पर खरी उतरी। बाड़मेर पुलिस प्रवासियां के होम आइसोलेशन, कोरोना संक्रमित क्षेत्रो में कर्फ्यू की पालना के जरिए कोरोना से जंग में जुटी है। कोरोना योद्धा के रूप में पुलिस के जाबांज कार्मिकों और अधिकारियों ने इनके नेतृत्व में न केवल बेहतरीन कार्य किया। बल्कि आमजन में खोया विश्वास भी हासिल किया हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह भाटीः
कोरोना से जंग, हर मोर्चे पर रहते है तैनात।
बाड़मेर जिले में कोरोना से निपटने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह भाटी हर मोर्चे पर तैनात नजर आते है। भाटी लगातार सोशल मीडिया पर आमजन के लिए एडवायजरी जारी करने के साथ आमजन को कोरोना से निपटने के लिए सहयोग करने का अनुरोध करते हुए वारियर्स की भूमिका निभा रहे है। उनकी सेवानिवृति में महज एक माह शेष है। बावजूद इसके उनका कर्तव्य के प्रति समर्पण, जोश एवं जज्बा देखने लायक है। दो मर्तबा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ 250 से अधिक मर्तबा विभागीय सम्मान पाने वाले भाटी बाड़मेर जिले में लॉक डाउन की पालना, आमजन में घरों में रहने की समझाइश, कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ अधीनस्थ जवानों की नियमित रूप से हौंसला अफजाई, होम आइसोलेट किए गए संदिग्धों की मोनिटरिंग, कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में माकूल इंतजाम के अलावा प्रवासियां की आवाजाही का जिम्मा संभाले हुए है। बाड़मेर शहर में लॉक डाउन की पालना के लिए इनको स्वयं मोटर साइकिल पर गश्त करते हुए भी देखा जा सकता है।
आईपीएस डॉक्टर अजयसिंहः
33 हजार से अधिक प्रवासियों को सरहद से प्रवेश की जिम्मेदारी।
बाड़मेर एवं जालोर जिले में आने वाले प्रवासियों को संबंधित जिलों में प्रवेश दिलाने के लिए प्रभावी मोनिटरिंग का जिम्मा राज्य सरकार ने आईपीएस डॉक्टर अजय सिंह को सौंपा है। प्रवासियों के सुरक्षित प्रवेश एवं कानून व्यवस्था के लिए जालोर सरहद पर आईपीएस डॉक्टर अजय सिंह करीब पंद्रह दिनों से दिन-रात नाकों पर प्रवासियों के प्रवेश, उनकी स्क्रीनिंग, मेडिकल जांच, होम आइसोलेशन सहित उनकी समस्याओं को तत्परता से निपटाने में लगे हुए है। इनमें से कई प्रवासी रेड जोन क्षेत्र महाराष्ट्र और गुजरात से आ रहे है। डॉक्टर सिंह इन प्रवासियों के साथ कार्य संपादित कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे है। आईपीएस अजयसिंह के मुताबिक राज्य सरकार ने उनको प्रवासियों की जिम्मेदारी दी है। इससे सेवा
का मौका मिला है। प्रवासियों का आवागमन लगातार दिन रात चलता है, ऐसे में नाकों पर नाकों पर 24 घण्टे रहना पड़ता है। इस दौरान मौका मिलता है तो थोड़ी नींद ले लेते है। अभी तक बाडमेर में करीब 25 हजार से अधिक प्रवासियों का प्रवेश हो चुका है। इनकी प्रभावी मोनिटरिंग का नतीजा है कि प्रवासी बिना किसी परेशानी के समुचित औपचारिकताआें के निर्वहन के बाद संबंधित जिले में प्रवेश कर रहे है।
पुलिस उप अधीक्षक पुष्पेन्द्रसिंह आढ़ाः
सकारात्मक रवैया, लॉक डाउन की सख्ती से पालना।
बाड़मेर पुलिस उप अधीक्षक पुष्पेंद्र सिंह आढा कोरोना संक्रमण की रोकथाम और लॉक डाउन की पालना कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। आमतौर पर सकारात्मक रवैया रखने वाले आढ़ा ने 21 मार्च को पदभार संभाला था। इसके बाद लगातार बाड़मेर में कानून व्यवस्था को लेकर सजग है। लॉक डाउन की पालना में आमजन को समझाइश करनी हो या आमजन की मदद। अक्सर यह तत्पर नजर आते है। कोरोना संकटकाल में उन्होंने अपने अनुभव, मृदुभाषी शैली, कर्तव्य निष्ठा, लगन के साथ अपने दायित्व को निभाया। जिला मुख्यालय पर लॉक डाउन की पालना के साथ अवैध वाहनों एवं बिना मास्क घूमने वालों पर कार्यवाही करवाने के साथ कोरोना वारियर्स के रूप में नजर आते है।
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