बायतु की छात्रा पूनम ने NMMS 2020 में 90 फीसदी अंक लाकर प्रदेश में लहराया परचम। @राकेश जैन बाड़मेर/बायतु। राजस्थान राज्य शैक...
बायतु की छात्रा पूनम ने NMMS 2020 में 90 फीसदी अंक लाकर प्रदेश में लहराया परचम।
@राकेश जैन
बाड़मेर/बायतु। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा में बायतु भीमजी के धारासर तला गांव की नन्ही सी बालिका पुनम जाणी ने प्रदेश में जिले का नाम रोशन कर प्रथम स्थान प्राप्त किया
जानकारी के अनुसार MHRD की योजना के तहत NMMS 2020 में बायतु के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धारासर तला कक्षा 8 की छात्रा पुनम पुत्री करना राम जाणी ने फरवरी में आयोजित परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल कर राजस्थान में प्रथम रही। विद्यालय के प्रधनाध्यपक हीराराम चौधरी ने बताया कि इस परीक्षा में पूरे राजस्थान में 38658 बच्चों ने परीक्षा दी थी। जिसमें 5471 बच्चों को छात्रवृत्ति के लिए पात्र घोषित किया गया। विद्यालय के 8 छात्रों ने भाग लिया था। उसमें से 6 छात्रों का चयन हुआ। योजना के तहत इन चयनित छात्रों को नियमानुसार मासिक एक हज़ार रुपये की राशि चार वर्ष तक दी जाएगी। इसको लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट के जरिये बधाई संदेश प्रेषित किया। परिणाम की घोषणा के बाद बायतु क्षेत्र सहित परिजनों व शिक्षकों ने छात्रा के घर जाकर मुँह मीठा कर बधाई दी।
परीक्षा पैटर्न
हालांकि एनएमएमएस - एक केंन्द्रिय सरकार की योजना है। इसका चयन प्रत्येक राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश द्वारा अपने संबंधित विद्यार्थियों के लिए किया जाता है। इन परीक्षणों में एक मानसिक योग्यता परीक्षण और एक शैक्षिक योग्यता परीक्षण शामिल है। जिनके दिशा-निर्देश एन सी ई आर टी द्वारा निर्धारित किए गये है। आवेदकों को 90 मिनिट की अधिकतम समय अवधि में प्रत्येक टेस्ट पूरा करना होगा। हालांकि विशेष योग्यता वाले बच्चों को टेस्ट पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय दिया जाता है। निचे इस राज्य स्तरीय परीक्षा परीक्षण के बारे में विवरण दिया गया है।
एनएमएमएस परीक्षा पैटर्न विवरण
1 मानसिक क्षमता परीक्षण (MAT)
• यह परीक्षण 90 बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से विध्यार्थियों की तर्क क्षमता और आलोचनात्मक सोच की जांच करता है। अधिकांश प्रश्न समानता, वर्गीकरण, संख्यात्मक श्रृंखला, पैटर्न धारणा, छिपे हुए आंकडे आदि जैसे विषयों पर आधारित हो सकते है |
• साथ ही हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की भी जांच की जाती है ।
2 शैक्षिक योग्यता टेस्ट (SAT)
• SAT में 90 बहुविकल्पीय प्रश्न होते है।
• SAT के पाठ्यक्रम में कक्षा 7 व 8 के पाठ्यक्रम अनुसार विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और गणित के विषयों को शामिल किया गया है। नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कोलरशिप (एन एम एम एस) केन्द्र प्रायोजित योजना "एन एम एम एस " 2008 मई में शुरू की गयी थी। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को कक्षा 8 में उनके ड्राॅप आउट को रोकते हुए माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने को प्रोत्साहित करनें के लिये छात्रवृति प्रदान करना है। राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये प्रति वर्ष 12000 रूपये (1000 रु प्रति माह) की छात्रवृति प्रदान की जाती है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिये छात्रवृति का एक कोटा है। ऐसे छात्र जिनकी सभी स्रोतों से पैतृक आय राशि 150,000 से अधिक नहीं है, छात्रवृति प्राप्त करने के लिये पात्र है। इसमे राज्य सरकार के मानदण्डों के अनुसार आरक्षण है। छात्रवृति के लिये छात्रों का चयन राज्य सरकारों द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।
केन्द्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययन करनें वाले छात्र इस योजना के तहत छात्रवृति पाने के हकदार नहीं है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले वे छात्र जहां बोर्डिंग, लोजिंग और शिक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है और निजी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र भी इस योजना के तहत छात्रवृति के लिये पात्र नहीं है।
एनएमएमएस उद्देश्य एनएमएमएस पुरस्कार
एनएमएमएस उद्देश्य
मई 2008 में पहल की गयी एनएमएमएस छात्रवृति का उद्देश्य उज्ज्वल और वंचित छात्रों को अपनी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा को पूरा करनें के लिये प्रेरित करना है। ताकि कक्षा 8 के बाद स्कूलों की ड्राॅप आउट दर में सुधार हो सके। प्रत्येक वर्ष, कक्षा 8 में अध्ययनरत विध्यार्थी राज्य स्तर पर चयन परीक्षा के 2 स्तरों के लिये उपस्थित होते हैं, कक्षा 9-12 के नियमित राजकीय विध्यालय मे अध्ययनरत विध्यार्थी NMMS छात्रवृत्ति के लाभों को प्राप्त करते हैं।
एनएमएमएस पुरस्कार
एनएमएमएस मे चयनित विध्यार्थियों को 12000 रु प्रति वर्ष यानि 1000 प्रतिमाह, की दर से छात्रवृत्ति मिलती है। एनएमएमएस छात्रवृत्ति के तहत, छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एकमुश्त किया जाता है। राशि को सीधे ही विध्यार्थियों के खातों में PFMS द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को आवंटित छात्रवृत्ति की संख्या संबंधित राज्यों में कक्षा 7 एवं 8 में अध्ययनरत विद्यार्थी व उन राज्यों की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। एनएमएमएस राशि का विवरण निम्नानुसार जारी किया जाता है।
NSP पोर्टल पर पंजीकरण उपरांत कक्षा 9 के विध्यार्थियों को नियमानुसार एक शैक्षणिक वर्ष के लिये, एक बार में 12000 रु प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति राशि मिलती है।
विध्यार्थी की उसकी उच्च माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 12) के पूरा होने तक हर साल छात्रवृत्ति का नवीनीकरण NSP पोर्टल पर किया जाता है, बशर्तें उम्मीदवार हर साल उच्च कक्षा में तय प्रतिशत से प्रोन्नति प्राप्त करे।
परीक्षा पैटर्न
हालांकि एनएमएमएस - एक केंन्द्रिय सरकार की योजना है। इसका चयन प्रत्येक राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश द्वारा अपने संबंधित विद्यार्थियों के लिए किया जाता है। इन परीक्षणों में एक मानसिक योग्यता परीक्षण और एक शैक्षिक योग्यता परीक्षण शामिल है। जिनके दिशा-निर्देश एन सी ई आर टी द्वारा निर्धारित किए गये है। आवेदकों को 90 मिनिट की अधिकतम समय अवधि में प्रत्येक टेस्ट पूरा करना होगा। हालांकि विशेष योग्यता वाले बच्चों को टेस्ट पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय दिया जाता है। निचे इस राज्य स्तरीय परीक्षा परीक्षण के बारे में विवरण दिया गया है।
एनएमएमएस परीक्षा पैटर्न विवरण
1 मानसिक क्षमता परीक्षण (MAT)
• यह परीक्षण 90 बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से विध्यार्थियों की तर्क क्षमता और आलोचनात्मक सोच की जांच करता है। अधिकांश प्रश्न समानता, वर्गीकरण, संख्यात्मक श्रृंखला, पैटर्न धारणा, छिपे हुए आंकडे आदि जैसे विषयों पर आधारित हो सकते है |
• साथ ही हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की भी जांच की जाती है ।
2 शैक्षिक योग्यता टेस्ट (SAT)
• SAT में 90 बहुविकल्पीय प्रश्न होते है।
• SAT के पाठ्यक्रम में कक्षा 7 व 8 के पाठ्यक्रम अनुसार विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और गणित के विषयों को शामिल किया गया है। नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कोलरशिप (एन एम एम एस) केन्द्र प्रायोजित योजना "एन एम एम एस " 2008 मई में शुरू की गयी थी। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को कक्षा 8 में उनके ड्राॅप आउट को रोकते हुए माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने को प्रोत्साहित करनें के लिये छात्रवृति प्रदान करना है। राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये प्रति वर्ष 12000 रूपये (1000 रु प्रति माह) की छात्रवृति प्रदान की जाती है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिये छात्रवृति का एक कोटा है। ऐसे छात्र जिनकी सभी स्रोतों से पैतृक आय राशि 150,000 से अधिक नहीं है, छात्रवृति प्राप्त करने के लिये पात्र है। इसमे राज्य सरकार के मानदण्डों के अनुसार आरक्षण है। छात्रवृति के लिये छात्रों का चयन राज्य सरकारों द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।
केन्द्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययन करनें वाले छात्र इस योजना के तहत छात्रवृति पाने के हकदार नहीं है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले वे छात्र जहां बोर्डिंग, लोजिंग और शिक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है और निजी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र भी इस योजना के तहत छात्रवृति के लिये पात्र नहीं है।
एनएमएमएस उद्देश्य एनएमएमएस पुरस्कार
एनएमएमएस उद्देश्य
मई 2008 में पहल की गयी एनएमएमएस छात्रवृति का उद्देश्य उज्ज्वल और वंचित छात्रों को अपनी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा को पूरा करनें के लिये प्रेरित करना है। ताकि कक्षा 8 के बाद स्कूलों की ड्राॅप आउट दर में सुधार हो सके। प्रत्येक वर्ष, कक्षा 8 में अध्ययनरत विध्यार्थी राज्य स्तर पर चयन परीक्षा के 2 स्तरों के लिये उपस्थित होते हैं, कक्षा 9-12 के नियमित राजकीय विध्यालय मे अध्ययनरत विध्यार्थी NMMS छात्रवृत्ति के लाभों को प्राप्त करते हैं।
एनएमएमएस पुरस्कार
एनएमएमएस मे चयनित विध्यार्थियों को 12000 रु प्रति वर्ष यानि 1000 प्रतिमाह, की दर से छात्रवृत्ति मिलती है। एनएमएमएस छात्रवृत्ति के तहत, छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान भारतीय स्टेट बैंक द्वारा एकमुश्त किया जाता है। राशि को सीधे ही विध्यार्थियों के खातों में PFMS द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को आवंटित छात्रवृत्ति की संख्या संबंधित राज्यों में कक्षा 7 एवं 8 में अध्ययनरत विद्यार्थी व उन राज्यों की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। एनएमएमएस राशि का विवरण निम्नानुसार जारी किया जाता है।
NSP पोर्टल पर पंजीकरण उपरांत कक्षा 9 के विध्यार्थियों को नियमानुसार एक शैक्षणिक वर्ष के लिये, एक बार में 12000 रु प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति राशि मिलती है।
विध्यार्थी की उसकी उच्च माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 12) के पूरा होने तक हर साल छात्रवृत्ति का नवीनीकरण NSP पोर्टल पर किया जाता है, बशर्तें उम्मीदवार हर साल उच्च कक्षा में तय प्रतिशत से प्रोन्नति प्राप्त करे।
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