आखिर बेड़ियों से मुक्त हुआ करनाराम, इलाज के लिए जोधपुर भेजा। @दिलीप सैन बाड़मेर/शिव/भियाड़। पिछले 6 सालों से बेड़ियों में जकड...
आखिर बेड़ियों से मुक्त हुआ करनाराम, इलाज के लिए जोधपुर भेजा।
@दिलीप सैन
बाड़मेर/शिव/भियाड़। पिछले 6 सालों से बेड़ियों में जकड़ा रातड़ी निवासी करनाराम को बेड़ियों से मुक्त कर इलाज के लिए जोधपुर भेजा गया।
गौरतलब है कि पत्नी से धोखा खा चुका करनाराम पैसे के अभाव में इलाज नहीं करवा पाने के बाद जंजीरों में जकड़ा हुआ था। करनाराम को देख कर मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित खबर पर चिकित्सा विभाग के साथ ही अन्य विभागों ने उसकी सुध ली। मनसा स्थान के योगेश कुमार लोहिया ने मामले को लेकर अवगत कराया जिस पर राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ने संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को पत्र भेजकर मानसिक विक्षिप्त करना राम के इलाज करवाने के निर्देश दिए। जिस पर मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता धूड़ाराम गोरसिया के साथ पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग, डॉक्टर अमृत सरकारी अस्पताल भियाड़ की प्रारंभिक जांच के बाद 108 एंबुलेंस के माध्यम से जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के लिए रेफर किया।
करना राम मानसिक रोगी की प्रकाशित खबर को हाई कोर्ट लीगल एड कमिटी जोधपुर तक पहुंचा कर समस्त लीगल प्रोसेस करने में सामाजिक कार्यकर्ता धूड़ाराम गोरसिया का विशेष सहयोग रहा। और चार दिन पहले धूड़ाराम की मेहनत से चौहटन केकड़ निवासी रुगा राम मेघवाल स्वस्थ होकर अपने घर को लौटा।
सामाजिक कार्यकर्ता धूड़ाराम गोरसिया काश्मीर ने बताया कि "मानसिक रोगियों के इलाज एवं संरक्षण के लिए मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 की धारा 100 के तहत यह प्रावधान है कि मानसिक रोगी की सूचना संबंधित थाना अधिकारी एवं संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी को देकर इनके इलाज की समुचित व्यवस्था इस एक्ट के तहत की गई है। बाड़मेर जिले में काफी संख्या में मानसिक रोगी जो इस एक्ट की जानकारी के अभाव में अपने घरों में जंजीरों में कैद है। उन रोगियों के लिए मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 संजीवनी साबित होगा।
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