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स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव प्रसाद टाक को श्रद्धा से याद किया।

स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव प्रसाद टाक को श्रद्धा से याद किया। @रामप्रसाद सैन जोधपुर। स्वतंत्रता सेनानी वह सरकार द्वारा दो बार...

स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव प्रसाद टाक को श्रद्धा से याद किया।

@रामप्रसाद सैन
जोधपुर। स्वतंत्रता सेनानी वह सरकार द्वारा दो बार ताम्रपत्र से सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी स्व. सुखदेव प्रसाद टाक की सप्तम पुण्यतिथि उनके पैतृक गांव खवासपुरा में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई।

वैश्विक महामारी बीमारी कोरोना के मध्य नजर इस बार राजस्थान सरकार के नियमों का पालन करते हुए बहुत ही सरल व सादे तरीके से  स्व. सुखदेव प्रसाद टाक के स्मृति स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर वर्तमान परिस्थिति  को देखते हुए 13 क्विंटल हरा चारा गौ माताओं को खिलाया गया तथा गौ माता व बैल व वृद्ध सांडो को  लापसी बनाकर खिलाई गई।

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक व ग्राम के समस्त ग्राम वासियों ने अलग-अलग समय में जाकर स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करी। तथा इस अवसर पर अमर दास  वैष्णव पूर्व सहायक कृषि अधिकारी डॉक्टर जितेंद्र पाल चौधरी (धनापा), श्यामलाल सोनी, जितेंद्र भाटी खारिया खंगार, गौ सेवक, रामनिवास  सैन बारनी (पूर्व सरपंच पति) आनंद कुमार सेन (सहायक कृषि अधिकारी) ओम प्रकाश सेन (अध्यापक) राम रतन टाक, अधिवक्ता भरत टाक अधिवक्ता ललित किशोर गायक कलाकार दिलीप टाक, तिलोक चंद सेन, पूसाराम सेन, अशोक, राकेश, तेजाराम रैगर व अनेक सर्व समाज के गणमान्य नागरिक और समस्त ग्राम वासियों ने अलग-अलग जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

वर्तमान परिस्थिति में फोन पर  श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया गया, जिसमें मनोहर अध्यापक छापला व भरत टाक द्वारा स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव प्रसाद टाक की जीवनी पर प्रकाश डाला व उनके त्याग व राष्ट्र व समाज के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने की प्रेरणा उनके कार्यों से लेने व उनके नक्शे कदम पर चलने का आह्वान किया, ताकि राष्ट्र व समाज का हित व उत्थान कर सकें।

इस अवसर पर डॉक्टर जितेंद्र पाल चौधरी ने सरकार का भी बहुत-बहुत धन्यवाद दिया कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव प्रसाद टाक के नाम से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नामकरण सुखदेव प्रसाद टाक स्वतंत्रता सेनानी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, खवासपुरा करने पर खुशी जाहिर करते हुए राजस्थान सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया। 
और उन्होंने यह बताया कि इस प्रकार टाक की चिर स्मृति सदैव आने वाली पीढ़ियो को मिलती रहेगी, तथा आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरित होकर राष्ट्र व समाज सेवा के कार्य करके अपना व अपने देश का नाम रोशन करेंगी।

इस अवसर पर अमर दास वैष्णव ने सुखदेव प्रसाद टाक के परिवार द्वारा वर्तमान परिस्थिति में गौ सेवा के लिए जो कार्य किया गया उसके लिए उनको व उनके पूरे परिवार को धन्यवाद संपूर्ण ग्राम वासियों की ओर से दिया गया, क्योंकि वर्तमान परिस्थिति में गौ माताओं की स्थिति दयनीय व विकट होती जा रही थी, ऐसे में इस प्रकार का देवी और पुण्य कार्य करने पर उनके संपूर्ण परिवार को धन्यवाद दिया। स्वर्गीय सुखदेव प्रसाद टाक की धर्मपत्नी पतासी देवी को माल्यार्पण कर व शॉल ओढ़ाकर उनको सम्मानित कर उनसे आशीर्वाद लिया। 

इस दौरान राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष व पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र चौधरी, विश्व हिंदू परिषद के भागीरथ चौधरी, महेंद्र सिंह गहलोत, नायब तहसीलदार मोहित आशिया, सीसुब के जवान सुभाष छापला, मनोहर अध्यापक ने वर्तमान परिस्थिति में फोन पर स्वर्गीय सुखदेव प्रसाद टाक को श्रद्धांजलि अर्पित कर स्व. सुखदेव प्रसाद टाक की धर्मपत्नी पतासी देवी को प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लेकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

भजन गायक कलाकार दिलीप टाक ने लाइव श्रद्धांजलि सभा में भजन पुष्पांजलि कार्यक्रम कर अपनी श्रद्धांजलि प्रकट की, इस के अलावा अधिवक्ता ललित किशोर ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में  राजस्थान सरकार से यह मांग करी कि स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव प्रसाद टाक के स्मृति स्थल को भव्य स्वतंत्रता सेनानी स्मृति स्थल बनाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक भव्य स्मारक के रूप में विकसित करें ताकि उनसे प्रेरणा लेकर आने वाली युवा पीढ़ी राष्ट्र व समाज कार्य में लगकर राष्ट्र व समाज का उत्थान कर सके और संस्कार वह राष्ट्र भावना युक्त समाज का विकास हो सके, और उन्होंने राजस्थान सरकार से विशेष आग्रह भी किया कि स्वतंत्रता सेनानियों के कार्य, उनके त्याग उनकी कुर्बानियों के आगे जितना भी किया जाए वह नगण्य व कम होता है लेकिन जिस प्रकार भारत के अन्य राज्यों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को विशेष आरक्षण दिया जा रहा है। उसी प्रकार राजस्थान में भी यह नियम लागू करना चाहिए क्योंकि स्वतंत्रता सेनानी एक राज्य के नहीं अपितु संपूर्ण देश के होते हैं, अतः भारत देश में अलग-अलग नियम व कानून स्वतंत्रता सेनानियों के लिए ना होकर एक समान कानून बनाकर नियम बनाकर स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जाए।

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