मध्यप्रदेश के सिंधिया की तरह राजस्थान में भी कहीं पायलट भी बीजेपी पायलट तो नहीं बनने वाले हैं। जयपुर। मध्य प्रदेश के बाद अब राज...
मध्यप्रदेश के सिंधिया की तरह राजस्थान में भी कहीं पायलट भी बीजेपी पायलट तो नहीं बनने वाले हैं।
जयपुर। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में सियासी भूचाल आ गया है, खबर आई है कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित दो दर्जन कांग्रेस और निर्दलीय विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं, इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस सूचना के बाद एक्टिव हो गए हैं, राजस्थान में सियासी संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच शनिवार की शाम चार गाड़ियों में सवार राजस्थान के करीब 12 विधायक गुरुग्राम के मानेसर से सटे स्थित आइटीसी ग्रैंड भारत होटल पहुंच गए। इनमें से 10 कांग्रेस के तथा दो निर्दलीय विधायक बताए जा रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यहां 24 विधायक पहुंचे हैं। विधायकों के आते ही पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई। खबर यह भी है कि इनमें से कुछ विधायक आज रविवार को दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। बता दें, मार्च में मध्य प्रदेश के कई कांग्रेसी विधायक यहां पर ठहरे थे। बाद में इसी होटल से कमल नाथ की सरकार को अल्पमत में लाने की पटकथा लिखी गई थी।
इससे पहले जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सचिन पायलट नहीं गए थे। कहा रहा जा रहा है कि सचिन पायलट खफा हैं। अशोक गहलोत का आरोप है कि भाजपा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ने की कोशिश कर रही है। विधायकों को 25-25 करोड़ का लालच दिया जा रहा है। पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए बीते दिन दो लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
गहलोत ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ खेल कर रहे हैं। इसके जवाब में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया व विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के प्रबंधन में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल रही है। इन सब बातों से ध्यान हटाने के लिए राजस्थान सरकार ने ये पैंतरा अपनाया है। खरीद-फरोख्त के जो आरोप हैं, वो भाजपा को बदनाम करने की साजिश है।
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