मूंगफली की फसल निकालने में जूटे किसान, खरीद केंद्र के अभाव में मिल रहे कोड़ी के भाव। @ गणपत खीचड़ बाड़मेर/सिवाना/पादरू। कस्बे सहित क्षेत्र के...
मूंगफली की फसल निकालने में जूटे किसान, खरीद केंद्र के अभाव में मिल रहे कोड़ी के भाव।
@ गणपत खीचड़
बाड़मेर/सिवाना/पादरू। कस्बे सहित क्षेत्र के आसपास गांव पंऊ कुंडल इटवाया, धारणा में हाल ही में पिछले दो-तीन वर्षों से मूंगफली की अधिकांश खेती की जा रही है, वहीं यह फसल केवल 4 माह में पकने वाली फसल है, और इसमें कम खर्चा व कम समय में पैदावार मिलने वाली मूंगफली है, जो क्षेत्र के किसान इन दिनों खेतों में मूंगफली की कटाई में जुटे हैं। क्षेत्र में इस बार भरपूर बारिश और अनुकूल मौसम के चलते मूंगफली की अच्छी उपज हुई हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार मूंगफली की बुवाई ज्यादा करने के साथ उम्मीद के अनुसार उपज हुई हैं। किसानों ने बताया कि इस बार आधुनिक तकनीक अपना खेती करने से उन्हें बंपर पैदावार मिली है। गौरतलब है कि पादरू क्षेत्र में मिठा पानी की अधिकता के चलते अन्य फसलों के साथ मूंगफली की पैदावार ली जाती हैं। पिछले कुछ सालों से किसानों का मूंगफली की बुवाई के प्रति क्रेज बढ़ने के साथ हर साल मूंगफली की बढिय़ा पैदावार ले रहे हैं। क्षेत्र के गांव में जहां भू-जल संपदा प्रचुर मात्रा में है, वहीं इस बार मानसून की अच्छी बारिश से भी क्षेत्र मे यह फसल अच्छी अंकुरित हुई। अच्छी बारिश से किसानों के कृषि कुओं का जलस्तर बढ़ गया। वहीं भरपूर बारिश से मूंगफली की फसल को भरपूर पानी मिला। क्षेत्र में किसान अन्य फसलों से ज्यादा खरीफ की बुवाई में मूंगफली की बुवाई ज्यादा कर रहे हैं। जिससे क्षेत्र में हर साल मूंगफली की बुवाई का रकबा बढ़ रहा हैं।
इनका कहना हैंअन्य फसल की बुवाई तो करते हैं, मगर मुनाफा कम मिलने से अब मूंगफली की बुवाई ज्यादा कर रहे हैं, लेकिन पादरू मे मुंगफली का खरिद केंद्र खुल जाए तो अच्छे दाम मिलेंगे।- खींयाराम सुथार, किसान पादरूसिवाना उपखंड व पादरू क्षेत्र के गांवों में बड़े स्तर पर मूंगफली की खेती की जाती है। सरकार इस पर खरीद केन्द्र खोलें। इससे कि किसानों को अच्छी आय हो। इसके अभाव में किसानों को औने-पौने दाम में फसल बेचनी पड़ रही है।- संपत जैन, प्रगती शील किसान पादरूकिसानों ने मूंगफली की कटाई शुरू कर दी हैं। एक सप्ताह के बाद कटाई युद्धस्तर पर होगी। क्षेत्र में इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने से मूंगफली का अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद हैं। वहीं किसानों ने फव्वारा सिंचाई को अपनाया, मूंगफली के दानों मे नमी की मात्रा 8-10% से अधिक नहीं होनी चाहिए, अन्यथा एक विषेला पदार्थ एफ्लाटोंक्शीन जमा होना शुरु हो जाता हैं।- मुरारी शर्मा, कृषि पर्यवेक्षक पादरूबाड़मेर जिले के क्षेत्र में बड़े स्तर पर मूंगफली की बुवाई की जाती है। बालोतरा- सिवाना क्षेत्र के गांव पादरू, मिठौड़ा, कांखी, कुण्डल, पऊं, इटवाया, सेला, जीनपुर, आदि गांवों में 2 हजार हैक्टेयर से अधिक भाग में मंगफली की खेती की जाती है।खरिद केंद्र खोले तो किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे।- डॉ. प्रदीप पगारीया, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक बाड़मेर
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