प्याज आलू के बाद अब हरी सब्जियों के भी बढ़े भाव। @ पूरणसिंह सोढ़ा जैसलमेर। टमाटर हुआ और लाल और मिर्च हुई तीखी। सब्जियों की कीमतें पिछले एक मह...
प्याज आलू के बाद अब हरी सब्जियों के भी बढ़े भाव।
@ पूरणसिंह सोढ़ा
जैसलमेर। टमाटर हुआ और लाल और मिर्च हुई तीखी। सब्जियों की कीमतें पिछले एक महीने में दोगुनी बढ़ चुकी है। जिसके चलते लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही है, वैसे तो हर साल बारिश में हरी सब्जियां महंगी होती है लेकिन कोरोना के कहर के चलते आलू, टमाटर और प्याज की कीमतें इस बार बढ़ने से लोगों की चिंता और भी बढ़ गई है। बता दें कि कोरोना काल में लोगों की आमदनी जहाँ घटी है, रोजगार में कमी आई है ऐसे में सब्जियों की बढ़ी कीमत ने आम जनता को परेशान करके रख दिया है। लॉकडाउन और बेरोजगारी के दंश की मार झेल रहे लोगों के लिए सब्जियों के आसमान छूते दाम कोढ़ में खाज का काम कर रहे है।
सीमावर्ती जिले जैसलमेर में इन दिनों जमीन पर उगने वाली सब्जियों के भाव आसमान को पहुंच गए है। यातायात के बढ़ते दामों के चलते सब्जियों की आवक में कमी आने से सब्जियों के दामों में महंगाई का तड़का लग गया है। हालांकि भाव बढ़ने की स्पष्ट कोई वजह भी नजर नहीं आ रही है। विक्रेताओं का कहना है कि आगे से कम व तेज भाव आने से ही यहां भी सब्जियों के दामों में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इससे घरेलू बजट भी बिगड़ता जा रहा है। एक महीने में सब्जियों के भाव में करीब दो से तीन गुना तक बढ़ोतरी हो गई है। सबसे ज्यादा तेजी आलू में आई है।
20 वर्ष बाद बढ़े आलू के भाव:
बता दे कि पोखरण परमाणु परीक्षण के समय प्याज-आलू के दाम आसमान को छू गए थे। क्योंकि वैज्ञानिक प्रमाण इस बात के हैं कि प्याज में न्यू क्लियर रेडिएशंस को अवशोषित करने की क्षमता होती है और पोखरण के आसपास प्याज की अतिरिक्त मात्रा का स्टाक किया गया जिससे प्याज-आलू के दाम बढ़ गए थे।
इन दिनों आलू बाजार में 60 रुपए किलो के भाव से बिक रहे है। सामान्य परिवार में जहां एक महीने की सब्जी का खर्चा 1200- 1500 रुपए तक आता था, वहीं अब 2500 रुपए के करीब जा पहुँचा है। जिससे घर की रसोई का बजट एकदम से गड़बड़ा गया है। आलू के भाव इस बार बहुत ज्यादा बढ़े है। इसका कारण फसल खराबी है। आगामी समय में आवक सही होने पर भावों में गिरावट होने की संभावना है।
इनका कहना हैपहले हर बार जून-जुलाई में सब्जियों के भाव बढ़ते थे और अक्टूम्बर-नवम्बर में तो सब्जियां काफी सस्ती हो जाती थी।लेकिन इस बार अक्टूम्बर में सब्जियों के भाव बढ़ना समझ से परे है। केवल जैसलमेर में ही नहीं, सभी जगह सब्जी महंगी हैं इसका कारण समझ से परे है। आलू के भाव पिछले 15-20 वर्ष बाद इतने बड़े है। जो सब्जियां इन महीनों में 20-30 रुपये किलों मिलती थी उनके आज भाव 80-100 रूपये है।- किशन माली, सब्जी विक्रेता।आमतौर पर हर साल सब्जियों के भाव में उतार-चढ़ाव रहता है। लेकिन आलू के भाव बीस वर्ष में पहली बार बढ़े है।कोरोना के कहर और वर्षा से नष्ट फसलों के कारण सब्जियों के भाव बढ़े है। जिससे ग्राहकों की जेब के साथ ही व्यापार पर भी भार पड़ा है जो लोग दो-तीन किलो सब्जी ले जाया करते थे वो एक किलो में ही सीमित हो रहे है। आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है।- सुनील कुमार व्यास, आम आदमी।
सब्जियों के भावों में उतार चढ़ाव सब्जी :-
20 दिन पहले वर्तमान भाव
- आलू 30 50
- प्याज 40 70
- गोभी 100 90
- टमाटर 40 60
- मिर्च 80 100
- खीरा 80 70
- नींबू 100 90
- करेला 50 80
- पत्ता गोभी 60 80
अगर ऐसे ही हरि सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे तो एक दिन आम आदमी की थाली से हरी तरकारी गायब ही हो जाएगी।
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