आत्मनिर्भर भारत के सपनों में मिट्टी के दियों को लोकल टू वोकल का इंतजार। @ भगाराम पंवार बाड़मेर/बालोतरा। रोशनी के पर्व दीपावली को लेकर बाजार म...
आत्मनिर्भर भारत के सपनों में मिट्टी के दियों को लोकल टू वोकल का इंतजार।
@ भगाराम पंवार
बाड़मेर/बालोतरा। रोशनी के पर्व दीपावली को लेकर बाजार में दीपक सजने लगे है। पर इस बार दीपक पर भी कोरोना व मंदी की मार का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। मंदी ने दीपक कारोबार को लील लिया है तो अब प्रधान मंत्री मोदी का लोकल टू वोकल ही इस बाजार की पीड़ा पर मरहम लगा सकता है। बहराल दीपक विक्रेता चिंतित है कि दीपक नही बिके तो दीपावली कैसे मनेगी। दीपक विक्रेता बताते है कि पिछली दीपावली के समय इस वक्त दीपक की बिक्री जोरो पर थी पर इस बार अभी भी दीपक खरीदने कें लिए लोग नही आ रहे है। कोरोना के चलते लोग अभी भी घरों से बाहर निकलने से डर रहे है। दीपक विक्रेता बताते है कि सरकार के लोकल टू वोकल कोटेशन की लोग पालना करे तो दीपक निर्माताओं व विक्रेताओं को संबल मिलेगा।
कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाएं दीपावली: राजपुरोहित
कविता सेवा संस्थान के अध्यक्ष कैलाश सिंह राजपुरोहित ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी से दीपावली, भैया दूज, छठ पूजा आदि पर्व पर सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि पर्वों के उल्लास में स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हुए दीपोत्सव का त्यौहार मनाने की अपील की है। राजपुरोहित ने लोकल दुकानदारों मिट्टी के बने दीपक एवं स्थानिय व्यापारियों से खरीददारी की अपील की है।
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