जैसलमेर में कुत्तों की आई शामत, आवारा कुत्तों की नसबन्दी कर किया प्रजनन के नाकाबिल। @ नवीन वाधवानी जैसलमेर। शहर में आवारा कुत्तों की अब खैर ...
जैसलमेर में कुत्तों की आई शामत, आवारा कुत्तों की नसबन्दी कर किया प्रजनन के नाकाबिल।
@ नवीन वाधवानी
जैसलमेर। शहर में आवारा कुत्तों की अब खैर नहीं। नगर परिषद ने शहर में कुत्तों की बढ़ती जा रही समस्या पर लगाम कसते हुए शहर की भीतरी बस्तियों की गलियों से लेकर मुख्य मार्गों, चौराहों, सर्कलों आदि पर भटकते हुए भौंकने, लपकने, काट खाने और शोर फैला कर अशान्ति उत्पन्न करने वाले कुत्तों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सख्त और दमदार कार्यवाही की है। इससे जनजीवन पर प्रतिकूल असर डाल रहे जैसलमेर के आवारा कुत्तों की शामत आ गई है। जैसलमेर में आवारा कुत्तों के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है।
नगर परिषद द्वारा की जा रही कुत्ता निरोधी कार्यवाही के चलते अब जैसलमेर शहर में कुत्तों की स्थिति पर काफी हद तक नियंत्रण होने लगा है। परिषद के आयुक्त फतेहसिंह मीणा ने बताया कि शहर में आवारा कुत्तों की धींगामस्ती और जनजीवन पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनज़र नगर परिषद द्वारा ठोस कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है।
एबीसी प्रोग्राम के तहत हुई कुत्तों की धरपकड़:
उन्होंने बताया कि पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम अर्थात एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम (एबीसी) के तहत् जैसलमेर नगर परिषद क्षेत्र में उपस्थित श्वानों (कुत्तों) का सर्वे कर नियमानुसार पकड़ने, कुत्तों की नसबंदी (बंध्यकरण), मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने, रेबीज इन्जेक्शन, रखरखाव एवं कुत्तों को सर्वेनुसार निर्धारित स्थान पर छोड़ने के कार्य के लिए नगर परिषद कार्यालय द्वारा निविदा आमंत्रित की गई थी। इसमें भाग लेने वाली फर्मो में से न्युनतम दर मैसर्स उषा एन्टरप्राइजेज, जयपुर की रही। इस फर्म को गत वर्ष जुलाई 2020 को कार्यादेश जारी किया गया था।
इस फर्म द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में आवारा श्वानों(कुत्तों) का सर्वे किया गया। सर्वे के अनुसार जैसलमेर शहर के सभी 45 वाडोर्ं में लगभग 4 हजार 209 श्वानों(कुत्तों) का विद्यमान होना बताया गया।
इस फर्म द्वारा 4 हजार 209 श्वानों में से 1 हजार 183 आवारा श्वानों(कुत्तों) को पकड़कर नसबंदी(बंध्यकरण), मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने, रेबीज इन्जेक्शन, रखरखाव एवं सर्वे के अनुसार निर्धारित किए गए स्थान पर छोड़ने का कार्य पूर्ण किया गया।
आवारा कुत्तों का जिस तरह से नगर परिषद द्वारा माकूल बन्दोबस्त और ईलाज किया जा रहा है उससे उम्मीद की जानी चाहिए कि जैसलमेर शहरवासी और देश-दुनिया से पर्यटन व भ्रमण के लिए यहाँ आने वाले सैलानियों को आवारा कुत्तों की समस्या से जल्द ही मुक्ति का सुकून प्राप्त होगा।
सब परेशान थे इन कुत्तों की आवारागी से:
उल्लेखनीय है कि जैसलमेर शहर में अर्से से काफी संख्या में कुत्तों का जमघट रहता आया है और इनकी तादाद बढ़ती ही जा रही थी। शहर भर में जहाँ-तहाँ डेरा डाले भटकते इन आवारा कुत्तों की वजह से शहरवासी और बाहर से यहाँ आने वाले देशी-विदेशी सैलानी भी परेशानी का अनुभव करते रहे हैं।
इन सभी हालातों के मद्देनज़र जैसलमेर नगर परिषद ने आवारा कुत्तों की समस्या से शहर को मुक्त कराने का बीड़ा उठाया है। नगर परिषद आयुक्त फतेहसिंह मीणा ने बताया कि जैसलमेर में आवारा कुत्तों के खिलाफ यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। नगर परिषद का प्रयास है कि स्वर्ण नगरी इन आवारा कुत्तों से मुक्त हो जाए।
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