जीवन में तप तोड़ने का काम करता है जप जोड़ने का काम करता है : साध्वी धर्म नगरी धोरीमना में अष्टम तप की आराधना का ठाठ बाड़मेर। जिले के धोरीमन्न...
जीवन में तप तोड़ने का काम करता है जप जोड़ने का काम करता है : साध्वी
धर्म नगरी धोरीमना में अष्टम तप की आराधना का ठाठ
बाड़मेर। जिले के धोरीमन्ना कस्बे के स्थानीय जैन दादाबाड़ी के परिसर में चल रहे भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव पर पौष दशमी मेले में अठम तप की तपस्या बड़ी ठाठ से हो रही है। तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन साध्वी प्रियरंजना महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में तप तोड़ने का काम करता है जप जोड़ने का काम करता है, इस अनुसार संसार में मात्र धर्म जी सास्वत हैं अतः दुर्लभ ऐसे मानव भाव को पाकर शुद्ध धर्म की आराधना करने योग्य हैं पांच इंद्रियों के लिए और 4 कषाया में आसक्त बनी हुई आत्मा ऐसे ही मानव भाव को गवा देती है इस जीवन में लेस भी प्रमाद करने जैसा नहीं है डॉक्टर साध्वी प्रिय दिव्याजना मैं भगवान के 10 भावों का वर्णन करते हुए बताया की पार्श्वनाथ प्रभु के पहले मरुभूती के भाव से सगे भाई कमठ के दिल में वेयर की याचना थी इसी के फल स्वरुप कमठ ने हर गांव में पारसनाथ प्रभु की आत्मा पर भयंकर उपसर्ग किया उन भयंकर और मरणोपरांत उपसर्गों की बेला में श्री पारस नाथ प्रभु की आत्मा ने अद भूत समाधि भाव रखा था पारसनाथ प्रभु के उसी समाधि भाव के फल स्वरुप उनकी आराधना साधना करने से हमें भी जीवन और मृत्यु बेला में समाधि भाव की प्राप्ति होती है अनादि काल से आत्मा में रही है कि आसक्ति तप धर्म की आराधना से दूर होती है परमात्मा के साथ अपनी आत्मा के संबंध को जोड़ने के लिए तप की साधना है प्रवचन के पश्चात दोपहर में पारस पद्मावती महा पूजन का आयोजन किया गया रात्रि में भक्ति संध्या के लिए संगीतकार द्वारा भक्ति भावना का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय पोष दशमी की आराधना के लाभार्थी परिवार कमलादेवी की स्मृति में बाबूलाल, जगदीश चंद, प्रकाशचंद, दिनेश कुमार, नरेश बेटा पोता भुरचंद लूणिया परिवार धोरीमन्ना वालो द्वारा लिया गया। धोरीमना नगरी में अठम तप की तपस्या बड़ी धूम धाम से चल रही है।
कोई टिप्पणी नहीं