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भामाशाहों ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, विकास कार्यों में निजी विद्यालय को भी पीछे छोड़ा।

भामाशाहों ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, विकास कार्यों में निजी विद्यालय को भी पीछे छोड़ा। @ रामप्रसाद सेन जोधपुर। जिले के भोपालगढ़ उपखण्ड क्...

भामाशाहों ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, विकास कार्यों में निजी विद्यालय को भी पीछे छोड़ा।


@ रामप्रसाद सेन
जोधपुर। जिले के भोपालगढ़ उपखण्ड क्षेत्र के पालड़ी राणावता ग्राम पंचायत में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को स्थानीय भामाशाहों ने भौतिक सुख सुविधाओं की व्यवस्था कर सरकारी विद्यालय को एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय की तरह संवार कर उनकी तस्वीर ही बदल दी। वरिष्ठ अध्यापक गणपत मेघवाल ने बताया कि स्थानीय अभिभावकों, भामाशाहों व जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों एवं आर्थिक सहयोग से सरकारी विद्यालय को निजी विद्यालय से बेहतर बना दिया। 

भामाशाहों द्वारा किए गए कार्य :- 
पिछले 5 वर्षों में स्थानीय गाँव के भामाशाहों ने भौतिक संसाधनों की बेहतरीन व्यवस्था करके सरकारी स्कूल की कायापलट कर दी। जिसमें 3 प्याऊ, 2 मुख्य द्वार, 2 मंच, मंदिर, शौचालय का निर्माण, वहीं कम्प्यूटर, 200 टेबल स्टूल, रेडियो सेट, दर्जनों पंखे, कुर्सियां, कूलर, फ्रीज, दरियाँ, अलमारियाँ इत्यादि सामग्री एवं निर्माण प्रमुख है। 

जनप्रतिनिधियों का सहयोग :- 
पूर्व विधायक कमसा मेघवाल द्वारा विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर हेतु 1 लाख रुपए, पूर्व जिला प्रमुख पुनाराम चौधरी ने प्याऊ निर्माण हेतु 3 लाख रुपए, पूर्व सरपंच श्रीमती सरिता कंवर द्वारा मुख्य द्वार का निर्माण एवं उनकी अनुशंषा से बालिकाओं के 4 शौचालयों का निर्माण करवाया गया। 

निजी कंपनियों द्वारा सहयोग :- 
विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक महावीर सिंह के निवेदन एवं विद्यालय प्रशासन के आग्रह पर HPCL जोधपुर ने छात्राओं के बेहतर नामांकन को ध्यान में रखते हुए 5. 5 लाख की लागत से अत्याधुनिक सुलभ शौचालय का निर्माण करवा कर सुपुर्द किया। वहीं स्थानीय ESSAR पेट्रोल पंप के प्रबंधक द्वारा छात्रों के लिए 5 शौचालयों का निर्माण भी करवाया। 

स्थानीय शिक्षक भी बने भामाशाह :- 
इस विद्यालय के स्थानीय शिक्षक विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दिलाने के साथ साथ विद्यालय के भौतिक विकास में भामाशाहों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से प्रभावित होकर अपनी तरफ से भी इन्होंने सामूहिक आर्थिक सहयोग से 2.25 लाख की लागत से टिन शेड का निर्माण करवाया एवं ऑफिस हेतु 20 हजार की लागत से बिजली व्यवस्था हेतु इन्वर्टर एवं 20 हजार की लागत से टेबल कुर्सियां खरीद कर विद्यालय में भेंट की।

मॉडल खेल मैदान प्रस्तावित :- 
ग्राम पंचायत मुख्यालय के पास स्थानीय विद्यालय के खेल मैदान में अध्यापकों, विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों द्वारा अत्यधिक वृक्षारोपण कर, उनकी समय समय पर सिंचाई एवं सुरक्षा करने से उसमें अत्यधिक हरियाली हो गई। जिस कारण से वह खेल मैदान अत्यंत मनमोहक एवं सुंदर पार्क की तरह दिखने लगा है। गर्मी के दिनों में स्थानीय अध्यापकों एवं विद्यार्थियों द्वारा टेंकरो द्वारा पौधों की सिंचाई करके देख अपनी तरफ से ट्यूबवेल खुदवा कर सौंपी। विद्यालय को वृक्षारोपण के क्षेत्र उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय कार्य करने पर संभागीय आयुक्त द्वारा प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया गया। सीबीईओ द्वारा खेल मैदान का निरीक्षण करने पर उनकी सुंदरता, लोकेशन एवं सिंचाई व्यवस्था को देखते हुए इसे ब्लॉक स्तर के मॉडल खेल मैदान हेतु इनका नाम प्रस्तावित कर शिक्षा विभाग को भेजा। 

विद्यालय की उपलब्धियां :- 
अध्यापकों एवं अभिभावकों के सहयोग से स्थानीय विद्यालय दिनोंदिन भौतिक विकास के साथ साथ शैक्षिक दृष्टि से भी विकास कर रहा है। जिसमें बेहतरीन नामांकन, उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम, राज्य स्तर पर एथेलेटिक्स क्षेत्र में तृतीय स्थान, NMMS छात्रवृत्ति योजना के 25 विद्यार्थियों का चयन, वृक्षारोपण के क्षेत्र में संभागीय स्तर पर उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया इत्यादि उपलब्धियाँ प्रमुख है। स्थानीय शिक्षक, ग्रामीण एवं विद्यार्थी सरकारी विद्यालय के प्रति ऐसी उपलब्धियां सुनकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं।

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