मार्बल के काढ़े में फंसी गाय को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला। जालोर/बागरा। जीव और जीवन कुदरत की मेहरबानी पर निर्भर है। भगवान का बनाया सबसे...
मार्बल के काढ़े में फंसी गाय को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला।
जालोर/बागरा। जीव और जीवन कुदरत की मेहरबानी पर निर्भर है। भगवान का बनाया सबसे उम्दा प्राणी मनुष्य इस बात से वाकिफ भी है, लेकिन प्रकृति की मिठास में ही जहर घोलने में वह पीछे नहीं है। आज हम आपको बता रहे जालोर जिले की बागरा ग्राम पंचायत की जमीन हर जगह अतिक्रमण का भरमार है जिसमे एक जगह ऐसी भी है जहाँ मार्बल के सफेद पाउडर का काढ़ा अवैध रूप से पसरा हुआ है, मार्बल की सफेद स्लरी (काढे) की सतह जम गई जिसमें आज एक गाय फस गई, काढ़े अंदर धसी गाय को तड़पते देख राष्ट्रीय हिन्दू स्वाभिमान संघ के जिला अध्यक्ष गोपालसिंह मोक, जिला उपाध्यक्ष प्रवीणसिंह सांथू, महेंद्रसिंह खरल, संघ के ग्राम प्रमुख सुजाराम, शैतानसिंह, हिंदूसिंह सहित कई कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों की मदद से जेसीबी से गाय को बाहर निकलवाया। राष्ट्रीय हिन्दू स्वाभिमान संघ के जिलाध्यक्ष गोपालसिंह मोक ने बताया कि सरकार को राजस्व आय के लिहाज से सौगात रहा यहां का सफेद मार्बल का कारोबार अब अभिशाप बनता जा रहा है। मार्बल की सफेद स्लरी पेड़ - पौधे, उपजाऊ जमीन, हवा - पानी और जीवों की जिन्दगी का दुश्मन बन चुकी है। कुदरत के इस दुश्मन को पैदा किया है जिम्मेदार ओहदों पर बैठे अफसरों की उदासीनता, मार्बल कारोबारियों के छोटे स्वार्थ और आमजन की चुप्पी ने। जिले के एक बड़े भू-भाग को आज मार्बल स्लरी लाइलाज रोग बनकर घेर चुकी है, लेकिन इसकी गम्भीरता को न कोई समझ रहा है, न ही किसी ने इसकी शल्य चिकित्सा के बारे में सोचा है। धीरे - धीरे यह रोग आबोहवा को जीवन के प्रतिकूल बना सकता है।
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