भीषण गर्मी में पेयजल की किल्लत, एक दर्जन से अधिक ढाणियों में जीएलआर सूखे। @ पूरणसिंह सोढ़ा जैसलमेर/फतेहगढ़। कोरोना के साथ साथ सूर्य देव ने भी ...
भीषण गर्मी में पेयजल की किल्लत, एक दर्जन से अधिक ढाणियों में जीएलआर सूखे।
जैसलमेर/फतेहगढ़। कोरोना के साथ साथ सूर्य देव ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है। बढ़ती गर्मी के साथ साथ जिले के कई गांव व ढाणियों में पेयजल की समस्या सामने आने लगी है। ग्राम पंचायत रासला की ढाणियों में पेयजल आपूर्ति नहीं होने से ग्रामीण जन परेशान हो रहे है।
जिम्मेदारों तक ग्रामवासी अपनी फरियाद कर चुके है:
ग्रामीणों द्वारा जलदाय विभाग को कई बार अवगत करवा चुके है लेकिन अभी तक विभाग की ओर से पानी के लिए कोई उपाय नहीं हो पाया है। सावता गाँव की कई ढाणीया में हर साल प्रशासन की ओर से पानी के टैंकर डाले जाते हैं, लेकिन इस साल कोरोंना महामारी के चलते लोग घरों में रहते हुए फोन इत्यादि पर विभाग को अवगत करवाया है मगर आज दिन तक इन ढाणियों में बनी जीएलआर की और विभाग का ध्यान आकर्षित नहीं हो पाया है।
महामारी के डर से ग्रामीण बाहर जा नही रहे:
अब ग्रामीणों का कहना हैं कि, इस गर्मी में भारी पेयजल समस्या को देखते हुऐ विभाग ने अगर जल्द इस ओर ध्यान नही दिया तो इन ग्रामीण क्षेत्र की ढाणियों में प्यासी जनता को मजबूरन इस कोरोना में घर से निकलना पड़ेगा जिससे कही न कही कोरोना के फैलने का डर बना रहेगा है।
रासला गाँव की कई ढाणीया पेयजल की गंभीर समस्या से झुंझ रही हैं:
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत रासला के राजस्व गांव भंवर सिंह की ढाणी सांवता, महादान सिंह की ढाणी, अमर सिंह की ढाणी, पहाड़ सिंह की ढाणी, ईशवर सिंह की ढाणी, गंगा सिंह की ढाणी, नानगाराम की ढाणी, खड़ेरो की ढाणी, रासला में डूंगर सिंह की ढाणी, मंगलियो की ढाणी, देदाराम मेघवाल की ढाणी व आसपास की अन्य ढाणियों में पेयजल की किल्लत सामने आ रही हैं।
श्री देगराय ऊष्ट संरक्षण अध्यक्ष सुमेर सिंह भाटी बताते है की पानी की समस्या को अगर अनदेखा किया गया तो समस्त ढाणियों व पशुधन के लिए इस गर्मी के मौसम में यह विकट समस्या उत्पन हो जाएगी।
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