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हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, जो भी जरूरत होगी उसे पूरा करेंगे: मंत्री शेखावत

हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, जो भी जरूरत होगी उसे पूरा करेंगे: मंत्री शेखावत केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने किया एम्स, माथुरादास माथु...

हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, जो भी जरूरत होगी उसे पूरा करेंगे: मंत्री शेखावत




  • केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने किया एम्स, माथुरादास माथुर और महात्मा गांधी अस्पताल का दौरा
  • अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया, डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का बढ़ाया मनोबल


@ रामप्रसाद सैन

जोधपुर 26 अप्रैल। स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सोमवार सुबह सूर्यनगरी पहुंचे और एम्स, माथुरादास माथुर अस्पताल के कोविड वार्ड व महात्मा गांधी अस्पताल का दौरा किया। उन्होंन कहा कि ऑक्सीजन समेत दूसरे संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। मेरा हरसंभव प्रयास है कि चिकित्सा सुविधाओं में कोई कमी न आए। सभी जरूरतों को प्रथम प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। 
भाजपा जोधपुर संभाग मीडिया प्रमुख अचल सिंह मेड़तिया ने बताया कि केंद्रीय मंत्री शेखावत ने एम्स, माथुरादास माथुर अस्पताल के कोविड वार्ड व महात्मा गांधी अस्पताल में प्रभारियों से संक्रमितों के समुचित उपचार और संक्रमण रोकने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की। तीनों अस्पतालों में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने प्रभारियों से कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर से लोग चिंतित हैं। हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। इसके लिए जो भी जरूरत होगी, उसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। 




शेखावत ने एम्स के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा की मौजूदगी अस्पताल के अधिकारीयों से कोविड की व्यवस्था, विशेष कर आईसीयू बेड्स की स्थिति पर फीडबैक लिया। माथुरादास माथुर अस्पताल के जनाना वार्ड में बनाए गए कोविड वार्ड में अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम.के. आसेरी ने अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीजों की स्थिति और व्यवस्थाओं से अवगत कराया।
महात्मा गांधी अस्पताल में अधीक्षक डॉ. राजश्री बोहरा से केंद्रीय मंत्री शेखावत को संक्रमित मरीजों की स्थिति, आईसीयू वार्ड और ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर जानकारी दी। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एस. एस. राठौड़ से तीनों अस्पताल और संबद्ध अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं व व्यवस्था के विषय विस्तार से चर्चा की। 
ऑक्सीजन और अन्य अति आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की कमी को लेकर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने प्राचार्य डॉ. राठौड़ से प्रभारियों से संक्रमितों के समुचित उपचार तथा संक्रमण रोकने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य एवम् अस्पताल प्रशासन ने कहा कि महात्मा गांधी अस्पताल में ऑक्सीसिजन प्लांट की आवश्यकता है, साथ ही अन्य कुछ आवश्यकताओं का पूरा करने का आग्रह मंत्री शेखावत से किया। इस पर मंत्री शेखावत ने तत्काल कुछ भामाशाओं से फोन पर बात की और प्राचार्य डॉ एस एस राठौड़ को कहा कि प्रस्ताव बना कर भेजें हम समाज सेवी संस्थाओं और भामाशाओ के सहयोग व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां जो आवश्यकता है, उसे पूरा किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री के साथ जोधपुर दक्षिण की महापौर वनीता सेठ, उप महापौर किशन लड्ढा, अखिल भारतीय माहेश्वरी समाज के राष्ट्रीय महासचिव समाजसेवी संदीप काबरा, पार्षद नरेंद्र फितानी भी थे।




वृद्धा को गले लगा ढांढस बंधाया

माथुरादास माथुर अस्पताल में केंद्रीय मंत्री शेखावत से मिलकर मरीजों के परिजन भावुक हो गए। एक वृद्धा फूटकर रोने लगी तो शेखावत ने उसे गले लगाया और ढांढस बंधाया। अन्य मरीज भी केंद्रीय मंत्री से मिले और अपनी व्यथा सुनाई। मरीजों के साथ आईसीयू में परिजनों की भीड़ देखी तो शेखावत ने अधीक्षक को निर्देश दिए कि अनावश्यक भीड़ ठीक नहीं है। ध्यान रखें, ताकि अव्यवस्था नहीं हो। 

मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि डॉक्टर और फ्रंटलाइन वर्कर्स खुद को खतरे में डालकर लोगों का जीवन बचाने का काम कर रहे हैं। इन्हीं का मनोबल बढ़ाने के लिए मैं अस्पताल पहुंचा था। अस्पतालों की आवश्यकताओं को हम दानदाताओं के माध्यम और सीएसआर से कैसे पूरा कर सकते हैं, इन सब विषयों पर एक बार सब डॉक्टरों से मिलकर जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए मुलाकात की है। कुछ विषय सामने आए हैं। अभी जिला प्रशासन से बात करके उन सबका निवारण कराएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने जिला प्रशासन से भी कहा है, जिस चीज की भी आवश्यकता है, आप बताएं।



शांति और संयम जरूरी

केंद्रीय मंत्री ने नागरिकों से अपील की कि कोरोना को हराने में शासन-प्रशासन का सहयोग करें। अपना और अपनों का ख्याल रखें। नकारात्मक बातों से दूर रहकर सकारात्मकता फैलाएं। उन्होंने कहा कि कल महावीर स्वामी जी की जयंती थी। उन्होंने दो सिद्धांत दिए हैं, एक शांति और एक संयम। आज की तारीख में इस महामारी के अवस्था में इन दोनों चीजों की आज भी प्रासंगिकता है। हम शांति बनाकर रखें, अनावश्यक रूप से पैनिक न करें। संयम पूर्ण व्यवहार करें।

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