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जेठ से अवैध संबंध में पति को सुपारी देकर मरवाया, परिवार को कोरोना से मौत होना बताया।

जेठ से अवैध संबंध में पति को सुपारी देकर मरवाया, परिवार को कोरोना से मौत होना बताया। उदयपुर। जेठ से अवैध संबंध के चलते पत्नी ने अपने ही पति ...

जेठ से अवैध संबंध में पति को सुपारी देकर मरवाया, परिवार को कोरोना से मौत होना बताया।



उदयपुर। जेठ से अवैध संबंध के चलते पत्नी ने अपने ही पति की सुपारी देकर हत्या करा दी। यही नहीं घरवालों को बताया कि कोरोना की वजह से पति की मौत हो गई। विधि-विधान से बकायदा अंतिम रस्में भी निभा दी गईं, लेकिन फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के चक्कर में सारी चालाकी धरी रह गई। उदयपुर के प्रताप नगर थाना क्षेत्र में 5 महीने पहले मिले अज्ञात शव की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा ली है और मृतक की पत्नी रूपा व उसके बड़े तपन भाई सहित सात को गिरफ्तार कर लिया है।
उदयपुर पुलिस अधीक्षक राजीव पचार ने शुक्रवार को बताया कि मृतक की पहचान त्रिपुरा निवासी उत्तम दास के रूप में हुई है। उसकी हत्या उसकी पत्नी और उसके बड़े भाई ने सुपारी देकर कराई थी।

एसपी ने बताया कि उत्तम दास की पत्नी रूपा और बड़े भाई तपन दास के बीच अवैध संबंध थे। दोनों ने उत्तम को रास्ते से हटाने के लिए उदयपुर के राकेश लुहार को 12 लाख 40 हजार रुपए में सुपारी दी। इसके बाद सुनियोजित तरीके से पिछले साल 16 नवंबर को उत्तम को उदयपुर लाया गया। यहां उसे नशीला पेय पिलाकर गला घोंट उसकी हत्या कर दी गई थी। तब से ही प्रताप नगर थाना पुलिस अज्ञात शव की शिनाख्त में जुटी थी।



पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रूपा और तपन पिछले कुछ दिनों से उत्तम की मौत का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई पंचायतों के चक्कर लगा रहे थे। इस दौरान उदयपुर स्पेशल पुलिस टीम के प्रहलाद को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की और वारदात का खुलासा किया। प्रह्लाद ने बताया कि दोनों पिछले कुछ दिनों से कोरोना से मौत होने का सर्टिफिकेट बनवाना चाह रहे थे। उससे LIC क्लेम लेना था।
पिछले साल नवंबर में उत्तम की हत्या करने के लगभग एक महीने बाद पत्नी रूपा ने उत्तम के परिजनों को उदयपुर में कोरोना से उसकी मौत की बात कही। इसके बाद विधि-विधान से उत्तम की अंतिम क्रियाओं को उसके पैतृक निवास पर पूरा किया गया। लेकिन, लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी उत्तम का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला था। इसकी वजह से रूपा को उत्तम की संपत्ति और पूर्व में कराई गई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में रूपा उत्तम का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना चाहती थी। इसके लिए पिछले लंबे समय से वह उदयपुर में कुछ दलाल और सरकारी अधिकारियों से संपर्क में जुटी थी।

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