सीमा पर पहरेदारी करें या खुद के परिवार की सुरक्षा करें, उलझन में हैं एक सैनिक। बाड़मेर के आर्मी जवान ने अपने पिता के साथ मानवाधिकार आयोग के स...
सीमा पर पहरेदारी करें या खुद के परिवार की सुरक्षा करें, उलझन में हैं एक सैनिक।
बाड़मेर के आर्मी जवान ने अपने पिता के साथ मानवाधिकार आयोग के समक्ष गुहार लगाई हैं।
बाड़मेर। जिले के बायतु थाना क्षेत्र के भीमड़ा गांव के एक फौजी परिवार ने जुंझाराम, हीराराम व गोमाराम सहित अन्य के खिलाफ मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को रिपोर्ट दी हैं। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपालकृष्ण व्यास ने इस मामले को लेकर बाड़मेर जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के दिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने फौजी को कहा,"आप देश की सुरक्षा करो हम आपकी सुरक्षा करेगे"।
देश की मातृभूमि पर कोई आंच नहीं आए और नापाक इरादों से लड़ने वाले सैनकों को अपने प्राणों तक कि आहुति देनी पड़ती हैं। एक सैनिक की वजह से हम चैन की नींद सोए इसलिए सीमा पर रखवाली करने के लिए सैनिक दिन रात हमारी सुरक्षा में लगे रहते हैं, पर जब बात सैनिकों के परिजनों की रखवाली की आती हैं तो क्या हम अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं यह सोचने वाली बात हैं। आज भारत की आन बान और शान की रखवाली के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले सैनकों के परिवारों पर दबंगों की नजरें इस कदर बनी रहती हैं कि, किसी फौजी के परिवार की ज़मीन पर कोई कब्जा जमा रहा हैं तो कोई घर पर मारपीट करने में पीछे नहीं रहता हैं आजकल की बात करें तो ताजा मामला शांत रहने वाले थार मरुस्थल के शरहदी जिले बाड़मेर का हैं, जहा, एक तरफ सीमा पर पहरेदार बनकर मातृभूमि की रक्षा में लगे हुए तो एक और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए हमेशा परेशान रहते हैं। आज सरकार भी बात करती हैं कि हम फौजियों के लिए तत्थपर हैं लेकिन इस मामले को सुनकर ऐसा कतई नहीं लगता कि कोई जिम्मेदार अपना सही काम कर रहा हैं। सैनकों को समय पर देख रेख के लिए छुट्टी नहीं मिलती ऐसे में इन दबंगो की नजर हमेशा जमीन हड़पने की रहती हैं।
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बायतु पुलिस को दी लिखित रिपोर्ट की कॉपी |
ताजा मामला भीमडा ग्राम पंचायत का हैं जहाँ एक फौजी कि अपने पुश्तैनी पट्टा शुदा भूखण्ड पर रहने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा हैं। एक तरफ कोर्ट के आदेश का स्थानीय पुलिस ने मखोल बना रखा हैं बल्कि रोज दबंगो के साथ मिलकर परिवार को धमकियां दी जा रहीं हैं कि इस भूखण्ड पर रहने वाले के दो सिर होंगे या बहुत लंबा जाएगा। ऐसे में आमजन के लिए क्या उम्मीद की जा सकेगी इस पुलिस से जो एक फौजी के परिवार को जिन्होंने वायु सेना, थल सेना, वायु रखा सेना में अधिकारी दिए उसको भी प्रताड़ित किया जा रहा हैं, और ऐसे परिवार को भी नहीं बख्स रहें हैं। इस मामले को लेकर जब हमने ग्राउंड रिपोर्ट पर जानकारी जुटाई तो बायतु पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान नजर आने लगा है। जिस परिवार ने अपनी जगहों को कोर्ट की शरण ली हैं। भूखण्ड पट्टा सुदा हैं और उस पट्टे का 2009 में नवीनीकरण भी हो चुका हैं। फिर भी दबंग लोग स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अवैध रूप से ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्जा करके फौजी के प्लॉट पर भी अपना हक जताते हुए नजर आ रहे हैं।
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पट्टे की कॉपी |
इस परिवार ने संभागिय आयुक्त से भी न्याय की गुहार लगाई है मगर अभी तक कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही हैं। बल्कि आज फिर बायतु थाने से एक सिपाही नोटिस लेकर परिवार को पेशी पर आने की धमकी देकर गया हैं। अब भारतीय सेना में सेवाएं देने वाले सैनिक के सामने अपने बुजुर्ग पिताजी के साथ घर की महिलाओं की सुरक्षा के लिए परेशानी बढ़ गई हैं। क्या उम्मीद की जा सकती हैं इस परिवार के न्याय की।
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न्यायालय के ऑर्डर की कॉपी |
यह मामला जिले के तकरीबन सभी अधिकारियों को मालूम है फिर भी कोई न्याय के लिए आगे नहीं आ रहा है, बताया जा रहा है की दबंग लोग किसी बड़े मिनिस्टर के रिश्तेदार हैं जो अपनी धौंस स्थानीय प्रशासन पर भी जमाकार इस परिवार को परेशान कर रहें है। ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रार्थी के अलावा बाकी अवैध अतिक्रमण हो रहा हैं। जबकि इस संबंध में नियोजन और भूमि प्रबंधन बात कई बार राजस्थान संपर्क पोर्टल और अन्य संबंधित कार्यालयों में सूचित किया जा चुका हैं। ग्रामीणों की माने तो गांव में ऐसे उपद्रवी लोगों से बचाव के लिए सीमांकन और पुख्ता रिकॉर्ड की जरूरत हैं। अब इस परिवार को सिर्फ और सिर्फ देश के चौथे स्तंभ मीडिया से ही उम्मीद हैं कि वो घटनास्थल पर जाकर हकीकत को सबके सामने लाकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए।
संभागीय आयुक्त से गुजारिश के वक्त की मीडिया में प्रकाशित खबर
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