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न्याय नहीं मिला तो कारोबारी ने दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखा-SP से भी न्याय की उम्मीद नहीं।

न्याय नहीं मिला तो कारोबारी ने दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखा-SP से भी न्याय की उम्मीद नहीं। मृतक गणेश का फ़ाइल फोटो और लिखा सुसाइड नोट बाड़मे...

न्याय नहीं मिला तो कारोबारी ने दे दी जान, सुसाइड नोट में लिखा-SP से भी न्याय की उम्मीद नहीं।

मृतक गणेश का फ़ाइल फोटो और लिखा सुसाइड नोट


बाड़मेर। शहर के कोतवाली इलाके में एक कारोबारी ने घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का नाम गणेश कुमार (48) था। बताया जा रहा है कि कुछ समय से वह जमीन विवाद और अपने साथ हुई मारपीट को लेकर आहत था। कारोबारी ने जान देने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें उसने लिखा है कि न्याय नहीं मिलने के कारण मैं ये कदम उठा रहा हूं। इतना होने के बाद भी मुझे झूठा बताया गया। बाड़मेर SP से भी न्याय की उम्मीद नहीं है।
कारोबारी गणेश परिवार के साथ चौहटन रोड़ इलाके में रहता था। रविवार देर रात पत्नी और बेटियों के सोने के बाद गणेश ने फांसी लगाकर जान दी। सुबह जब परिवार उठा तो शव लटका देखा। इसके बाद घर में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंचे रिश्वतेदारों ने पुलिस को सूचना दी। मृतक से कुछ दिनों पहले जमीन विवाद को लेकर मारपीट भी हुई थी। इसमें एससी-एसटी एक्ट में उसने केस भी दर्ज करवाया था, जिसकी पुलिस जांच कर रही थी।

घर के बेडरूम तीन बेटियां और पत्नी में सोते रहे:
जानकारी के अनुसार मृतक गणेश के परिवार में उसे मिलाकर कुल पांच लोग थे। इसमें 40 वर्षीय पत्नी मोरुदेवी और तीन बेटियां 14 वर्षीय दुर्गा, 10 वर्षीय नवनिधि और 5 वर्षीय परी जो रविवार को बेडरूम में सो रहीं थीं। वहीं गणेश ड्राइंग रूम में सोया था। पत्नी ने बताया कि रात को बातचीत हुई थी। लेकिन किसी परेशानी के बारे में कुछ नहीं बताया। इससे पहले कुछ रिश्तेदारों से जरूर जमीन विवाद में परेशानी का जिक्र किया था।



यह हैं वो सुसाइड नोट जिसमें लिखा- SP से भी न्याय की उम्मीद नहीं:
पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने लिखा है- मुझे न्याय नहीं मिलने के कारण ये कदम उठा रहा हूं। इतना होने के बाद भी मुझे झूठा बताया गया। प्रभावशाली लोग मेरा प्लॉट दबा रहे हैं। माधोसिंह चौधरी व अन्य ने मेरे साथ धोखा कर काम चालू किया। मेरे सिर पर फावड़ा मारा। एसपी साहब से न्याय की उम्मीद नहीं है, फिर भी मैंने FIR दे दी।
इसके बाद सुसाइड नोट में लिखा कि बड़ी जीजी और बड़े जीजा जी मुझे माफ करना, मेरे मकान का ध्यान रखना। जोधपुर में मुझे झूठा फंसाया गया है। न्याय दिलवाने में मेरी मदद करें।

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