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VIDEO: बाड़मेर का इंजीनियर कॉलेज अब बनेगा 100 बेड का अस्पताल , भारतीय सेना करेगी मदद।

VIDEO: बाड़मेर का इंजीनियर कॉलेज अब बनेगा 100 बेड का अस्पताल , भारतीय सेना करेगी मदद। बाड़मेर। कोविड-19 की महामारी के चलते हैं सरहदी बाड़मेर ...

VIDEO: बाड़मेर का इंजीनियर कॉलेज अब बनेगा 100 बेड का अस्पताल , भारतीय सेना करेगी मदद।




बाड़मेर। कोविड-19 की महामारी के चलते हैं सरहदी बाड़मेर के जिला अस्पताल के कोविड-19 वार्ड हाउस फुल के करीब है इसी बीच अब बाड़मेर के इंजीनियरिंग कॉलेज को 100 बेड के अस्पताल के रूप में तब्दील किया जाएगा। इस कवायद की शुरुआत के लिए कार्यवाहक जिला कलेक्टर और चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों ने मंगलवार को इंजीनियरिंग कॉलेज जाकर वहां की व्यवस्था को देखा।



सरहदी बाड़मेर में रोज बढ़ते कोविड-19 के संक्रमितों के बीच हाउसफुल होने की स्थिति में आ चुके राजकीय अस्पताल के बाद अब कोरोना संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर भेजने के साथ-साथ एक अतिरिक्त अस्पताल के निर्माण की कवायद भी शुरू कर दी गई है। बाड़मेर के कार्यवाहक जिला कलेक्टर मोहन दान रतनू, जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बाबूलाल बिश्नोई, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई ने मंगलवार को इंजीनियरिंग कॉलेज जाकर वहां पर 100 बेड का अस्पताल बनाने के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं को देखा। इंजीनियरिंग कॉलेज के एडमिन ब्लॉक के 6 बड़े हॉल को 100 बिस्तर के अस्पताल के रूप में तब्दील किया जाएगा। यहां पर इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य एसके विश्नोई ने उनको इन हॉल की लंबाई चौड़ाई के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही यहाँ पर बिजली पानी की व्यवस्थाओं को लेकर भी उन्होंने गहनता से विचार-विमर्श किया। बाड़मेर के कार्यवाहक जिला कलेक्टर मोहन रतनू ने बताया कि बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में अभी कोविड-19 गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं सामान्य हालात के मरीजों को उत्तरलाई रोड से कोविड केयर सेंटर भिजवाने की कवायद जारी है। इसके अलावा गडरा रोड़ स्थित कोविड केयर सेंटर को भी शुरू किया जाएगा। इन सबके बीच बाड़मेर के इंजीनियरिंग कॉलेज को जल्द ही 100 बिस्तरों के अस्पताल के रूप में बदल दिया जाएगा। एक तरफ जहाँ लगातार पिछले 3 दिन से कोविड संक्रमितों का आंकड़ा है कि थमने का नाम नहीं ले रहा वहीं दूसरी तरफ बिगड़ते हालातों के बीच अब जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग जगहों पर अस्पतालों का निर्माण कर इस विकट परिस्थितियों में लोगों को समुचित व्यवस्था देने की कवायद धरातल पर उतारी जा रही है। अब देखने वाली बात है कि तेजी से बढ़ते आंकड़ों के बीच जिला प्रशासन की कवायद कितना रंग लाती है।

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