राजस्थान में ताऊ-ते से पहले ताऊ ने मचाया तुफान। @ निखिल व्यास सरहदी राजस्थान से "ताऊ-ते" तुफान टकराए बिना निकल गया लेकिन गहलोत सरक...
राजस्थान में ताऊ-ते से पहले ताऊ ने मचाया तुफान।
सरहदी राजस्थान से "ताऊ-ते" तुफान टकराए बिना निकल गया लेकिन गहलोत सरकार से लगातार टकराव के बाद बाड़मेर से राजनीतिक तुफान की ये बड़ी खबर है। जो जंगल में आग की तरह फैल रही है। खबर है कि सीपी जोशी को विधायक हेमाराम चौधरी ने अपने विधायक पद से इस्तीफा भेज दिया है। ज्ञातव्य रहे कि गहलोत-पायलट वार में सबसे अनुभवी व स्वच्छ छवी के कोई नेता पायलट के साथ थे तो, वे हेमराम चौधरी ही थे।
जानकार ये भी मानते है कि फिलवक्त ये जोशी स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन पुराना अलगाव राजनीति की इस ताजा घटनाक्रम को आग में हवा देने का काम करेगा। इस इस्तीफे के बाद पार्टी पायलट पर भी इन्हें मनाने का दबाव बना सकती है। गर कोई ये आंकलन करे कि चौधरी भाजपा में जा सकते है तो वे अनुमान शायद सही नहीं निकले। क्यों कि हेमाराम चौधरी राजनीति के आदर्श सिद्धांतों के सारथी रहे है। वे भाजपा में भले ही न जाए लेकिन इतना तो तय है कि एक बार फिर गहलोत की राजनीति में नया तुफान आया है। पूर्व राजस्व मंत्री के मनमुटाव, मौजूदा राजस्व मंत्री के साथ बरकरार की खबरें भी आम है। ऐसे में इस इस्तीफे को उस एंगल से भी देखा जाएगा। यदि हेमाराम चौधरी ये कदम उठाते है तो तय है कि जिले से लेकर प्रदेश की राजनीति में सब ठीक नहीं है। भीतर का युद्ध अब बाहर आ रहा है। प्रदेश की जनता पहले भी गहलोत की बाड़ा-बंदी देख चुकी है और सरकार बचाने के लिए किस तरह उन्होंने अपना भाषा का स्तर, स्तरहीन कर लिया था, ये जनता ने पढ़ा और सुना है। इस इस्तीफे को गहलोत कैसे लेंगे, ये देखना होगा।
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