आपके हेल्थ इंश्योरेंस में हो सकता है कोविड कवर, जानिए इस बारे में सब कुछ..! कोविड की दुसरी लहर में स्वास्थ्य के साथ वित्तीय सुरक्षा जरूर सुन...
आपके हेल्थ इंश्योरेंस में हो सकता है कोविड कवर, जानिए इस बारे में सब कुछ..!
कोविड की दुसरी लहर में स्वास्थ्य के साथ वित्तीय सुरक्षा जरूर सुनिश्चित करें। महामारी का आर्थिक असर काफी ज्यादा है और वास्तविक नुकसान का आकलन कुछ महीनों बाद ही हो पाएगा। फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से हॉस्पिटलाइज होने से लोगों की वित्तीय स्थिति पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। हेल्थ इंश्योरेंस होने से काफी बचत हो सकती है और मेहनत से बचाई गई जमा पूंजी को अस्पताल में इलाज पर खर्च होने से रोका जा सकता है। कोविड 19 महामारी संबंधी हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों के पास ढेर सारे प्रश्न हैं। हम आपको जरूरी हेल्थ कवर प्लान और क्लेम सेटलमेंट को लेकर कुछ मूलभूत प्रश्नों का उल्लेख करके उत्तर दे रहे हैं।
फैमिली फ्लोटर के रूप में रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी
अगर आपके पास पहले से इंडीविजुअल या फैमिली फ्लोटर के रूप में रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है तो कोविड की वजह से होने वाले हॉस्पिटलाइजेशन का सम एश्योर्ड तक का खर्च बीमाकर्ता कंपनी उठाएगी। हालांकि यदि आप घर पर इलाज करवाते हैं तो इसके बारे में अपने बीमाकर्ता से पूछ लें कि उसे वे रिइंबर्स करेंगे या नहीं?
घर पर इलाज को इनबिल्ट फीचर के रूप में जोड़ा गया
कोरोना संक्रमण के इलाज की विशेष प्रक्रिया और कार्यविधि होती है, इसकी लागत बेसिक पॉलिसी में कवर नहीं हो सकती। अपनी बीमा कंपनी से यह भी सुनिश्चित कर लें कि उसने महामारी को एक्सेप्शन में तो नहीं डाल रखा है। इसके अलावा, सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी घर पर इलाज के क्लेम नहीं देतीं। हालांकि अस्पतालों में बेड की कमी जैसी मौजूदा स्थिति को देखते हुए ये बेहतर है कि बीमाकर्ता से लिखित कम्युनिकेशन किया जाए। डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन, हेल्थ कार्ड या पॉलिसी नंबर इत्यादि भेजकर बीमाकर्त्ता से लिखित अनुमति मांग सकते हैं। पॉलिसी धारक के घर पर उपचार की किन मदों को बीमाकर्ता कवर करेगा ? इसकी लिखित स्वीकृति प्राप्त करना बहुत जरूरी है। घर पर इलाज की आवश्यकता और महत्व को देखते हुए कई बीमाकर्ताओं ने नई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लॉन्च किए हैं, जिनमें घर पर इलाज को इनबिल्ट फीचर के रूप में जोड़ा गया है।
हमारे पास हाई कवरेज हो ताकि अस्पताल का बिल जेब से न भरना पड़े
हालिया अनुभवों से यह भी पता चलता है कि परिवार के एक सदस्य के कोरोना संक्रमित होने के बाद अन्य सदस्यों के भी संक्रमित होने की संभावना रहती है।अस्पताल में 14 दिनों तक भर्ती होने को देखते हुए, अस्पताल का बिल कई लाख रुपए तक पहुंच सकता है। ऐसे में संभव है कि आपका पुराना सम अश्योर्ड कोविड के खर्चे उठाने के लिए पर्याप्त नहीं हो। यह जरूरी है कि हमारे पास हाई कवरेज हो ताकि अस्पताल का बिल जेब से न भरना पड़े। आपके शहर और अस्पताल के प्रकार के साथ ही आपकी खुद की खर्च वहन करने की क्षमता के आधार पर विशेषज्ञ 25 लाख रुपए तक का सम अश्योर्ड रखने की सलाह दे रहे हैं।कवरेज में किसी भी बढ़ोतरी की अनुमति पॉलिसी रिनिवल के समय ही होती हैं।लेकिन आप टॉप-अप या सुपर टॉप-अप से कवरेज राशि बढ़ा सकते हैं। चूंकि एक से अधिक हेल्थ कवर लेने की अनुमति है, इसलिए आप एक नई इंश्योरेंस पॉलिसी भी ले सकते हैं।
जानिए कैसे होता है क्लेम सेटेलमेंट
जहां तक क्लेम सेटलमेंट की बात है, नियामक ने बीमाकर्ताओं को पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाने के लिए निर्देशित किया है। यदि अस्पताल बीमा प्रदाता की पैनल में अनुमोदित सूची में शामिल है, तो अस्पताल में भर्ती का क्लेम कैशलेस होगा। हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को अब मंजूरी का अनुरोध मिलने के 60 मिनट के भीतर सभी जरूरी आवश्यकताओं के साथ अपने कैशलेस अुमोदन के लिए अस्पताल से संपर्क करना होगा। किसी नॉन नेटवर्क अस्पताल की स्थिति में आपको बिल, डिस्चार्ज रिपोर्ट सहित उपचार से संबंधित सभी कागजात बीमाकर्ता को बिल की राशि के साथ रिइंबर्समेंट के लिए भेजने होंगे।
कोरोना कवच के रूप में एक्सक्लूसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है, जो कोविड-19 की वजह से हुए हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च उठाता है। इनमें घर पर इलाज की लागत भी शामिल होती है। 18 से 65 वर्ष का कोई भी व्यक्ति कोरोना कवच ले सकता है। ये शॉर्ट टर्म प्लान होते हैं, जो 15 दिनों के वेटिंग पीरियड के साथ 3.5, 6.5 और 9.5 महीनों के लिए उपलब्ध हैं। कोरोना कवच पॉलिसी धारक के लिए 14 दिनों तक के घर पर इलाज (होम केयर ट्रीटमेंट) का खर्च कवर होता है, बशतें कि ऐसा इलाज किसी मेडिकल प्रेक्टिशनर ने प्रिस्क्राइब किया हो। इसमें पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, नेबुलाइजर, लिखित में प्रिस्क्राइब की गई दवाओं, परामर्श शुल्क और मेडिकल स्टाफ से संबंधित नर्सिंग शुल्क कवर होता है लेकिन उन्हें मेडिकल प्रैविटशनर द्वारा प्रिस्क्राइब किया होना चाहिए।वहीं, अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं हैं तो आपको एक हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए। ताकि भविष्य में कभी भी कोविड-19 की वजह से होने वाले हॉस्पिटलाइजेशन के खर्च को कवर किया जा सके। इस बात को ध्यान रखें कि हॉस्पिटलाइजेशन से पहले एक 30 दिनों का वेटिंग पीरियड (दुर्घटना को छोड़कर) होगा। इसके अलावा आप अपने बीमाकर्ता से समय-समय पर इस संबंध में विचार कर सकते हैं।
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