अमर शहीद गंगाराम बाना की 16 वीं पुण्यतिथि पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन। पर्यावरण की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर का अनुपम उदाहरण - शहीद गं...
अमर शहीद गंगाराम बाना की 16 वीं पुण्यतिथि पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन।
पर्यावरण की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर का अनुपम उदाहरण - शहीद गंगाराम
बाड़मेर/बायतु/गिड़ा। पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा जान की परवाह किये बगैर दिये गये बलिदान से ही धरती माँ का श्रृंगार बरकरार रहा है, नहीं तो अब तक सम्पूर्ण जैव विविधता संकीर्ण मानसिकता के शिकारी लोगों का शिकार बन जाती है और धरती विरान सी हो जाती। पर्यावरण के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देने की राजस्थान में गौरवशाली परंपरा विद्यमान रही है और उसी कड़ी में वन्य प्राणियों और राज्य पशु चिंकारा की रक्षा के लिए शहीद गंगाराम बाना का दिया गया बलिदान अनुपम उदाहरण है।
सोमवार को राउमावि पूनिया का तला मे शहीद गंगाराम बाना के पुण्यतिथि पर श्रंद्धाजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ। इको क्लब प्रभारी संतोष कुमार गोदारा ने शहीद गंगाराम के जीवनी और वन्यजीव रक्षार्थ हुई मुठभेड़ के बारे विस्तार जानकारी दी। पीईईओ बगदाराम बारुपाल ने ऐसे पर्यावरण प्रेमियों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। व्याख्याता सुरेश कुमार ने आगामी पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी।
वर्ष 2005 में 1 अगस्त की आधी रात को डोलीधवा आखेट निषिद्ध क्षेत्र में चिंकारें की शिकार की सूचना मिलने पर कल्याणपुर पुलिस चौकी में बतौर सिपाही पद पर कार्यरत पुनिया का तला के निवासी गंगाराम बाना के नेतृत्व में एक दल ने नाकाबंदी कर शिकारियों की जीप को रुकवाने का प्रयास किया और भागने पर पुन: प्रयास करके जीप को जब्त किया। इस दौरान शिकारी भागने लगे तो भागते शिकारियों को गंगाराम ने दबोचने का प्रयास किया इस दौरान शिकारियों ने उन पर गोली चला दी और 2 अगस्त की अलसुबह राजस्थान पुलिस के जवान गंगाराम बाना ने मां भारती के श्रंगार की रक्षा करते हुए 34 वर्ष की आयु में प्राण न्योछावर कर दिए। अपने इस प्रकार पर्यावरण पर्यावरण प्रेमी गंगा राम ने अपने प्राणों की परवाह नहीं करते हुए शिकारियों को रोकने का प्रयास करते हुए बलिदान कर दिया। 26 जनवरी 2007 को सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित भी किया।
पूण्यतिथि के अवसर पर इको क्लब राउमावि पुनिया का तला के तत्वावधान में आयोजित पुण्यतिथि कार्यक्रम में शहीद गंगाराम की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करके 2 मिनट का मौन रखा गया। शहीद की स्मृति पौधे लगाएं गये और पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली गई। पौधों में निराई - गुड़ाई करके खाद दी गई। इस अवसर पर उपस्थित ग्रीन कौर कंमाडो को पौधे वितरित किये गए। सभी ने इन पौधों को लगाकर, सुरक्षा करने का संकल्प किया गया। कोविड-19 के निर्देशो की अनुपालना करते हुए आने वाले समय में हर वर्ष की भांति शहीद के परिवार की ओर से 251 पौधे विद्यार्थियों के माध्यम से लगवाये जायेगें। इस अवसर व्याख्याता गौरीशंकर चौधरी, ईंदाराम बेरड़, अनूप सुथार, राजेन्द्र मुंडेल, हरीश पालीवाल, अशोक कुमार,पुनमकुमारी, रामस्वरूप, खरताराम सारण, पुनमाराम माचरा, बालूसिंह, जगजीवन राम, अमित कुमार, हंसराज, ग्रामीण जन मौजूद रहे।
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