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गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूटने से सैंकड़ों लोग नदी में गिरे, राहत और बचाव कार्य जारी, PM ने दुःख जताया।

गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूटने से सैंकड़ों लोग नदी में गिरे, राहत और बचाव कार्य जारी, PM ने दुःख जताया। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम क...

गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूटने से सैंकड़ों लोग नदी में गिरे, राहत और बचाव कार्य जारी, PM ने दुःख जताया।



गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस घटना के दौरान पुल के ऊपर खड़े कई लोग नदी में गिर गए। घटना में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी जल्द मौके पर पहुंच रही हैं। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त सैकड़ों की तादाद में लोग पुल पर मौजूद थे।

पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा कि अब तक मरने वालों की संख्या 40 के आसपास है और यह संख्या और अधिक हो सकती है। वर्तमान में बचाव अभियान जारी है और कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर मौजूद थे। यह पुल काफी पुराना था और कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत कराई गई थी। 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए फिर से खोला गया था।

बता दें कि यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते इस पर करीब 500 लोग जमा थे। यही हादसे की वजह बना।

PM मोदी ने की CM पटेल से बात की
हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने CM भूपेंद्र पटेल से घटना की जानकारी ली और मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। CM पटेल ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। मैं जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।

140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था। मोरबी का 765 फीट लंबा यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस पुल पर जाने के लिए 15 रुपए फीस लगती है। हादसे के वक्त पुल पर काफी लोग थे। कुछ लोग यहां सफर के लिए तो कुछ पर्यटन के लिए आए थे।

मृतकों के लिए 4 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री के साथ आगे के कार्यक्रमों को छोटा करके जल्द गांधीनगर पहुंच रहा हूं। राज्य के गृर मंत्री को मौके पर पहुंचने और बचाव कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ समेत जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है। मैं मोरबी त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देगी।

एनडीआरएफ मौके पर पहुंच रही

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं। इस विषय में मैंने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुंच रही है। प्रशासन को घायलों को तुरंत इलाज देने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया है। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात से बेहद दुःखद खबर मिल रही है। मोरबी में ब्रिज टूट जाने से कई लोगों के नदी में गिर जाने की खबर है। भगवान से उनकी जान और स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं।''

वहीं, मोरबी के विधायक और राज्य मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा कि पुल गिरने से कई लोग नदी में गिर गए। बचाव अभियान जारी है। ऐसी खबरें हैं कि कई लोग घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब यह पुल टूटा इस झूलते पुल पर कई महिलाएं और बच्चे थे।

ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।

यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है।


मोरबी के राजा इसी पुल से दरबार जाते थे
इसी पुल से राजा प्रजावत्स्ल्य राजमहल से राज दरबार तक जाते थे। ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।

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