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इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से 160 महिला श्रमिकों ने बदली श्मशान घाट की सूरत।

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से 160 महिला श्रमिकों ने बदली श्मशान घाट की सूरत। बाड़मेर। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की बदौ...

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से 160 महिला श्रमिकों ने बदली श्मशान घाट की सूरत।



बाड़मेर। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की बदौलत बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित मेघवाल समाज के श्मशान घाट की तस्वीर बदल गई है। यहां 160 महिला श्रमिकों ने कंटीली झाड़ियों को काटने के साथ सफाई के कार्य को अंजाम दिया। मौजूदा समय में बाड़मेर नगर परिषद प्रदेश में रोजगार उपलब्ध करवाने में 213 निकायों में से चौथे स्थान पर है।
बाड़मेर नगर परिषद के सभापति दिलीप माली एवं आयुक्त योगेश आचार्य के निर्देशन में पिछले दस दिनों से सार्वजनिक श्मशान घाट में सफाई का कार्य चल रहा है। वार्ड संख्या 17 की महिला पार्षद भूरी देवी की अगुवाई में 160 महिला श्रमिक सफाई कार्य में जुटी है। इन महिला श्रमिकों ने श्मशान घाट की सफाई करते हुए इसके सौन्दर्य में चार चांद लगा दिए है। यहां स्थित मेघवाल समाज के श्मशान घाट की स्थिति काफी दयनीय थी। जगह-जगह बबूल की झाड़ियां दिखाई दे रही थी। इस पर महिला श्रमिकों ने झाड़ियों की कटाई करने के साथ सफाई करते हुए श्मशान घाट की तस्वीर बदल दी। यहां पहुंचने वाले गणमान्य लोग महिला श्रमिकों के परिश्रम की सराहना करते हुए सभापति, आयुक्त एवं पार्षद के साथ श्रमिकों का धन्यवाद ज्ञापित कर रहे है। आयुक्त योगेश आचार्य के मुताबिक बाड़मेर नगर परिषद क्षेत्र में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 1700 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। मौजूदा समय में प्रदेश के 213 निकायों में से रोजगार उपलब्ध कराने में बाड़मेर चौथेे स्थान पर है। उनके मुताबिक अधिकाधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए निःशुल्क जोब कार्ड बनाए जा रहे है।
पिछले 10 दिनों से 160 श्रमिकों के जरिए श्मशान घाट में सफाई का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि मेघवाल समाज के श्मशान घाट में पिछले कई सालों से कचरे के साथ झाड़ियां उगी हुई थी। इस पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में श्मशान घाट के लिए वार्ड संख्या 22, 16, 17,18 के श्रमिकों के 16 मस्टररोलों पर 160 श्रमिकों को नियोजित किया गया। श्रमिकों को प्रति दिन निर्धारित टास्क के अनुरूप कार्य करवाने के लिए मेटों को नियोजित किया गया है। इसके अलावा जन प्रतिनिधियों एवं तकनीकी अधिकारियों की ओर से कार्याें के निरीक्षण के साथ प्रभावी मोनेटरिंग की जा रही है।

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