46.34 करोड़ रुपये की लागत से बाड़मेर शहर में रोजाना होगी जलापूर्ति, विभाग स्काडा सिस्टम से करेगा मॉनिटरिंग। बाड़मेर। किसी जमाने में काले पानी ...
46.34 करोड़ रुपये की लागत से बाड़मेर शहर में रोजाना होगी जलापूर्ति, विभाग स्काडा सिस्टम से करेगा मॉनिटरिंग।
बाड़मेर। किसी जमाने में काले पानी के नाम से पहचान रखने वाले बाड़मेर जिले में तेल के अथाह भंडार मिलने के बाद इस जिले ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है। ऐसे में यहां अब पानी की समस्या से लोगो को निजात मिल रही है।
राजस्थान के बाड़मेर शहर की 2 लाख से अधिक आबादी के लिए पानी की समस्या को दूर करने के लिए 46.34 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए जलदाय विभाग के बाड़मेर उपखंड कार्यालय की ओर से अमृत 2.0 योजना के तहत 46.34 करोड़ की योजना की डीपीआर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग शहरी जयपुर कार्यालय भिजवाई गई है।डीपीआर की स्वीकृति आने के बाद सर्वे कार्य शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत साल 2025-26 तक शहर में हर घर रोजना जलापूर्ति का कार्य पूरा किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से बाड़मेर शहर के 22.22 स्क्वेयर वर्ग किमी क्षेत्र के लिए करीबन 2 लाख 12 हजार जनसंख्या के आधार पर प्लान तैयार किया गया है। नहरी पानी के साथ भाडखा से भी पानी बाड़मेर शहर के लिए लाया जाएगा ताकि लोगों को रोजाना समय पर पानी मुहैया हो सके। इसके लिए भाडखा में 21 ट्यूबवेल नए खोदे जाएंगे और वहां से 35 एलपीसीडी पानी शहर तक पाइपलाइनों के जरिए पहुंचाया जाएगा। जलदाय विभाग के नगरखण्ड अधिशासी अभियंता सतवीर सिंह का कहना है कि अमृत योजना 2.0 के तहत केंद्र सरकार की ओर से 22.12 करोड़ और राज्य सरकार से 30.80 करोड़ रुपए दिए जाएंगे तो वहीं नगर परिषद की ओर से 2.42 करोड़ की हिस्सेदारी भी होगी। पानी के भाडखा से जीरो प्वाइंट औरघरों में सप्लाई तक स्काडा सिस्टम होने से ऑनलाइन मॉनिटरिंग में सहूलियत मिलेगी।
100 एलपीसीडी पानी आरक्षित
बाड़मेर के जीरो प्वाइंट पर पहले से 100 एलपीसीडी पानी शहर के लिए आरक्षित रखा जाएगा। अमृत योजना में स्काडा सिस्टम भी बनेगा। जिससे ऑनलाइन पानी सप्लाई, लीकेज समस्या, प्रेशर, पानी की मात्रा सहित ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। इसके साथ ही जीएलआर के भरने पर उसे तुरंत रिमोट कंट्रोल के जरिए बंद किया जा सकेगा। ऐसे में व्यर्थ पानी बहाव की समस्या से भी निजात मिल जाएगी।
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