जन्मजात विकृतियों की पहचान के लिए आशा एवं कार्यकर्त्ताओ को दिया प्रशिक्षण। बाड़मेर, 7 नवम्बर। जन्मजात विकृतियों एवं कुपोषित बच्चो की पहचान के...
जन्मजात विकृतियों की पहचान के लिए आशा एवं कार्यकर्त्ताओ को दिया प्रशिक्षण।
बाड़मेर, 7 नवम्बर। जन्मजात विकृतियों एवं कुपोषित बच्चो की पहचान के लिए मिशन मॉड पर कार्य किया जाए। कार्य करने की संतुष्टि कब होती है जब सेवा के भाव एवं निस्वार्थ भाव से किसी गंभीर कुपोषितो को हम बचा सके। यह बहुत ही पूण्य का काम होगा। जिला कलक्टर लोक बंधु ने सोमवार को मिशन सुरक्षा चक्र के दूसरे चरण प्रशिक्षण के अवसर पर आशा एवं कार्यकर्ताओ संबोधित करते हुए यह बात कही।
इस दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि इस अभियान के तहत 0 से 19 वर्ष के समस्त बच्चो को शामिल किया गया है, जिसमे सभी सरकारी एवं निजी विधालय में पढने वाले बच्चे, आंगनवाड़ी में पंजीयन बच्चे एवं स्कूल नही जाने वाले बच्चो पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी बाड़मेर शहर एवं चिकित्सा विभाग की ओर से एक दिवसीय प्रशिक्षण भगवान महावीर टाउन हाल में हुआ। सीएम्एचओ डॉ. चन्द्रशेखर गजराज के निर्देशन में आरसीएचओ डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह एवं शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश चौहान एवं डॉ. हरदान सारण ने कुपोषण एवं जन्मजात विकृतियों के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि खून की कमी को पहचानने के लिए स्किन, आंख, हाथ, पांव को देखकर पहचान कर सकते है। समय रहते हुए एनीमिया और गम्भीर कुपोषितों की पहचान हो तो उन बच्चो को कुपोषण उपचार केन्द्र में भेजकर बचा सकते है। अपने खून की कमी से ही सारे रोग उत्पन्न होते है इसे बच्चे व किशोर एवं किशोरी बालिका के स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। आरसीएचओ डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह ने कहा कि अब मिशन सुरक्षा चक्र के दूसरे फेज में अपने परिक्षेत्र के सभी 0 से 19 वर्ष तक के बच्चो की स्क्रीनिंग करनी होगी जो बच्चो पहले छूट गए है उन्हे भी शामिल किया जाएगा। चिकित्सा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सामूहिक रूप से बच्चो एवं किशोर किशोरियो के स्वास्थ्य व पोषण जांच एवं उपचार के संबंध में कार्यक्रम रखा गया है। इसे हम सेवा भाव से करे। प्रशिक्षण में महिला बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित ने कहा कि मिशन सुरक्षा चक्र में पहले बाड़मेर जिले ने अच्छा काम किया है जिसकी प्रशंसा राज्य स्तर पर चीफ सेकेट्री ने की है, और दूसरे फेज में भी यह कार्य बहुत ही मनोयोग से करना होगा। इस दौरान जिला कलक्टर लोक बंधु ने कार्यकर्ता दुर्गावती वार्ड संख्या 15 और कानू महाबार के अनुभव सुने और निर्देश दिए कि अपने आंगनवाड़ी केन्द्र पर पोषण वाटिका लगाए और शुद्ध सब्जियों का सेवन करे।जिससे अन्य लोग भी प्रभावित होकर पोषण वाटिका लगाए। जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने बताया कि इस अभियान के तहत 14 नवंबर से 15 दिसंबर तक आशा एवं कार्यकर्ता सर्वे कर जन्मजात विकृतियों एवं कुपोषित बच्चो की पहचान करेगी। उसके उपरांत एएनएम एवं सीएचओ की ओर से चिन्हित बच्चो की स्क्रीनिग का कार्य पूरा किया जाने के बाद आरबीएसके टीम उपचार करेगी। भाटी ने बताया कि जिले में सोमवार को सभी खण्ड स्तर पर 1914 आशा एवं कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण में यह रहे उपस्थित:
आरसीएचओ डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह, डीडी आईसीडी प्रहलाद सिंह राजपुरोहित, एसएम्ओ डॉ. हरदान सारण, शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश चौहान, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी, सीडीपीओ बाड़मेर शहर अंबाराम बडेरा, हनुमान दास जांगिड़ पर्यवेक्षक, सुरेश बोथरा, तेजपाल बामनिया, विमला बडेरा, रोशन खान, ढल्लाराम एवं 557 कार्यकर्ता एवं आशाओं ने भाग लिया।
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