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पानी एवं हवा से ज्यादा कीमती और आजादी से भी बड़ी लड़ाई है स्वच्छता: गुप्ता

पानी एवं हवा से ज्यादा कीमती और आजादी से भी बड़ी लड़ाई है स्वच्छता: गुप्ता बाड़मेर, 10 नवंबर। पानी एवं हवा से स्वच्छता ज्यादा कीमती है। हमको सम...

पानी एवं हवा से ज्यादा कीमती और आजादी से भी बड़ी लड़ाई है स्वच्छता: गुप्ता



बाड़मेर, 10 नवंबर। पानी एवं हवा से स्वच्छता ज्यादा कीमती है। हमको समय रहते स्वच्छता की कीमत पहचाननी होगी। स्वच्छ भारत मिशन में आमजन के साथ वृहद स्तर पर जन प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जन आंदोलन के जरिए स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा। स्वच्छ भारत मिशन राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के गैर सरकारी सदस्य एवं राजस्थान के पूर्व स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर के.के.गुप्ता ने गुरूवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर जिला परिषद में स्वच्छ भारत मिशन संबंधित बैठक के दौरान यह बात कही।
इस दौरान के.के.गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक स्थानों एवं प्रत्येक घर में प्लास्टिक संग्रहण के लिए प्लास्टिक घर की शुरूआत करनी चाहिए। इसके लिए सीमेंट के खाली कटटे का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद प्लास्टिक को एक स्थान पर एकत्रित करके रिसाइकन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर से नियमित रूप से गीला एवं सूखा कचरा उठाया जाना चाहिए। इसके लिए निर्धारित समय पर गाड़ी आए, यह सुनिश्चित किया जाए। इससे आमजन में कचरा संग्रहण एवं गाड़ी में डालने के प्रति जागरूकता आएगी। उन्होंने कहा कि कचरा उठाने के बाद कचरा यार्ड में ले जाकर उसका डिस्पोजल बहुत आवश्यक है। इसके लिए साइंटिफिकलैंड फिल्ड, सेएग्रीगेशन प्लांट, बायो गैस प्लांट होने चाहिए। उन्होंने कचरा निस्तारण के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अगर ग्रामीण इलाकों में बायो गैस प्लांट स्थापित किए जाए तो खाना बनाने के लिए मिथेन गैस एवं खेत में डालने के लिए अच्छी गुणवत्ता की खाद मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कुछ स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत बायो गैस प्लांट एवं कचरा संग्रहण स्थल बनाए जाए। इसके लिए जन प्रतिनिधियों को प्रेरित करने के साथ उनका अपेक्षित सहयोग लिया जाए। गुप्ता ने कहा कि उनके सभापति कार्यकाल में वर्ष 2015 से 2020 तक डूंगरपुर निकाय लगातार चार स्वच्छता के क्षेत्र मे श्रेष्ठता साबित करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण मे विभिन्न श्रेणियां मे अव्वल रहा। डूंगरपुर राजस्थान में खुले में शौच मुक्त पहला शहर बना तथा जिसको तीन बार ओडीएफ तथा एक बार ओडीएफ प्लस का खिताब मिला। बेहतरीन कार्य को देखते हुए 5 करोड रुपए की राशि राजस्थान सरकार ने डूंगरपुर शहर को प्रोत्साहन राशि के रूप में दी। इसके परिणाम स्वरूप शहर डूंगरपुर नेे राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण वर्ष 2019, 20 और वर्ष 21 में लगातार राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कलस्टर बनाते हुए ई-रिक्शा के जरिए कचरा एकत्रित किया जाए। उन्होंने प्रत्येक घर में ग्रे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने, पौधारोपण करने,बायो गैस प्लांट के लिए मिलने वाले अनुदान के बारे में भी बताया। इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोई ने बाड़मेर जिले में स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति, नवाचार एवं ओडीएफ प्लस के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बैठक में दिए गए सुझावों पर अमल करने एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत नवाचार करने का भरोसा दिलाया। इस दौरा़न विकास अधिकारी सुरेश कविया, सुखराम विश्नोई, एसएलडब्ल्यूएम एक्सपर्ट सुमेरा राम, घमंडाराम समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

महिलाओं को कपडे की थैलियां बनाने का स्वरोजगार मिले: 

इस दौरान के. के. गुप्ता ने कहा कि प्लास्टिक बंद करने के लिए डूंगरपुर की तर्ज पर महिला सशक्तिकरण के तहत सिलाई मशीन लगाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। कपड़े की थैलियां बनाकर महिलाएं कम पैसों में बाजार में देंगी तो प्लास्टिक भी बंद हो जाएगा और महिलाओं को भी रोजगार मिलने लग जाएगा। प्लास्टिक बंद करने का यही एकमात्र सबसे सरल और उपयोगी तरीका है,सरकार की भी यह मंशा है कि बेरोजगारी को समाप्त किया जाए।

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