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मूलभूत सुविधाओं का मोहताज दृष्टिबाधित वालाराम, नहीं मिला सरकारी सुविधाओं का लाभ।

मूलभूत सुविधाओं का मोहताज दृष्टिबाधित वालाराम, नहीं मिला सरकारी सुविधाओं का लाभ। सरकारी योजनाओं का नही मिला लाभ, चिमनी के सहारे पढ़ाई करने को...

मूलभूत सुविधाओं का मोहताज दृष्टिबाधित वालाराम, नहीं मिला सरकारी सुविधाओं का लाभ।



  • सरकारी योजनाओं का नही मिला लाभ, चिमनी के सहारे पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे
  • बीडीओ बेनीवाल ने आमजन से क्राउड फंडिंग के जरिए मदद की की अपील


@कानु सोलंकी
बाड़मेर/सिवाना। देश ने इस बार आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मनाया हैं। लेकिन आज भी कई परिवार ऐसे हैं जहां मूलभूत सुविधायें नदारद होने की वजह से वो नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। विकास की धारा सिर्फ कागजों में बहती गई मगर वास्तविक स्थिति कुछ और ही हैं। दरअसल यह मामला सिवाना उपखंड क्षेत्र के धीरा गांव का हैं जहाँ 44 वर्षीय वालाराम सरगरा आज से तीन वर्ष पूर्व अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। अब इलाज के लिए उनके पास पैसे नही हैं। उनकी पत्नी भावना देवी जिसकी उम्र 40 वर्ष हैं, उसके भी टीबी की बीमारी थी, और वर्तमान में ज़िस बीमारी का पता नही चल रहा कि बीमारी क्या हैं, वो यहां तक कि डॉक्टर से जांच करवाने में भी असमर्थ हैं क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हैं। घर में दृष्टिबाधित की मां सुआदेवी जिसकी उम्र 80 वर्ष हैं उसके पैर में भी फेक्चर हैं जिसका इलाज अहमदाबाद में चल रहा हैं इसलिए वो उनकी बेटियों के साथ वहीं रह रही हैं। बड़ा बेटा रौनक जो कि चौथी, प्रकाश जो कि चौथी व मीनाक्षी जो कि दूसरी कक्षा में पढ़ती हैं।

मूलभूत सुविधाओं का मोहताज हैं यह परिवार

घर पर न रहने को मकान हैं, तिरपाल रखे एक छपरा बना हुआ हैं, जहां से शर्दी के मौसम में हार्ड कंपाने वाली शर्दी में कैसे बसर करता होगा यह परिवार इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता हैं, घर पर पानी की सुविधा नही हैं इसलिए पानी की आपूर्ति भी पास की ढाणी से करनी पड़ती हैं, घर पर बिजली का कनेक्शन भी नही हैं इसलिए बच्चों को भी चिमनी के सहारे अपनी पढ़ाई करनी होती हैं।

सरकारी सुविधाओं का नही मिला लाभ

सरकार द्वारा कई प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा हैं, लेकिन यह परिवार इन तमाम योजनाओं से वंचित हैं, क्योंकि इन्हें न तो प्रधानमंत्री आवासीय योजना के अंतर्गत मकान नसीब हुआ और न ही शौचालय नसीब हुआ। इसके अलावा भी कई योजनाओं से आज भी वालाराम वंचित हैं, हाँ खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत एपीएल के गेंहू जरूर मिल रहे हैं।

बीडीओ बेनीवाल परिवार से हुए रूबरू

सिवाना विकास अधिकारी हनुमानराम बेनीवाल शनिवार को पीड़ित परिवार से रूबरू हुए, घर की स्थिति बेहद दयनीय पाई गई, उन्होंने क्राऊड फंडिंग के जरिये परिवार की मदद करने का बीड़ा उठाया हैं, साथ जितना हो सकेगा सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभ दिलाने का आश्वासन दिया हैं।

इनका कहना


"आज से तीन वर्ष पहले मेरी आँखों की रोशनी चली गई, आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से मैं इलाज करवाने में असमर्थ था, तब से परिवार के पास आय का कोई स्त्रोत नही हैं, घर पर कोई मिलने आता हैं तो जो पैसा देते हैं इससे भरण - पोषण हो रहा हैं घर में कमाने वाला कोई नही हैं, सरकार अगर मदद करें तो बड़ी मेहरबानी होगी।
- वालाराम सरगरा (दृष्टिबाधित, पीड़ित)

"आदरणीय कलेक्टर साहब व सीईओ साहब के निर्देशानुसार शनिवार को अवकाश होने के बावजूद मैं प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रगति रिपोर्ट के लिए फील्ड में गया था। इस दरम्यान वालाराम के घर पर भी जाना हुआ, उनकी वस्तुस्थिति को मैंने देखा कि वाकई स्थिति खराब हैं, उनके पेंशन का कोई प्रकरण हैं जिनके समाधान हेतु हम प्रयासरत हैं। परिवार की स्थिति को देखकर हमने एक मुहिम शुरू करने का सोचा हैं ताकि परिवार को सबल मिल सकें, जिनकी शुरुआत गत रात्रि पादरू में आयोजित एक शाम गौ माता के नाम से शुरुआत की हैं। बाकी सरकारी सेवाओं से जितना लाभ मिल सकें हम प्रयास करेंगे।
-हनुमानराम बेनीवाल (बीडीओ, सिवाना)


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