जोधपुर में बजरी नाके पर बवाल के बाद ग्रामीणों ने चेकपोस्ट को लगाई आग। जोधपुर। बजरी लीज होल्डर के कर्मचारियों ने गांव के युवकों पर पिकअप चढ़ा...
जोधपुर में बजरी नाके पर बवाल के बाद ग्रामीणों ने चेकपोस्ट को लगाई आग।
जोधपुर। बजरी लीज होल्डर के कर्मचारियों ने गांव के युवकों पर पिकअप चढ़ा दी। इसकी भनक लगते ही गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने बजरी के राॅयल्टी नाके को आग के हवाले कर दिया। चेक पोस्ट पर खड़े डंपर, जेसीबी, कार समेत अन्य वाहनों को आग लगा दी। इस दौरान लीज होल्डर के कर्मचारियों और ग्रामीणों के बीच पथराव भी हुआ। पिछले करीब डेढ़ महीने से लीज धारक से गांव वाले मार्किंग की बात कह रहे थे, ताकि यह पता चल सके कि कितने एरिया में खनन होना है। इसके अलावा डंपरों के रूट, रात में गैरकानूनी तरीके से काम करने आदि को लेकर भी गांव वालों में गुस्सा था। इसको लेकर वो कलेक्टर और एसपी तक से मिल चुके थे। मामला जोधपुर से करीब 30 किमी दूर डांगियावास इलाके का है।
ग्रामीणों और राॅयल्टी कर्मचारियों के बीच सोमवार रात को हुआ था विवाद
खारी गांव में 4 महीने पहले बजरी को लेकर लीज जारी की गई थी। पिछले डेढ़ महीने से ग्रामीणों और लीज धारक समेत उनके कर्मचारियों के बीच विवाद चल रहा है। कंपनी की ओर से मार्किंग नहीं की जा रही है, जिससे गांव वालों में नाराजगी है। बताया जा रहा है कि सोमवार रात करीब 11 बजे बजरी के डंपर गुजर रहे थे। इसी दौरान गांव के लोगों और राॅयल्टी कर्मचारियों के बीच कहासुनी हो गई थी।
सीएम से लेकर कलेक्टर और एसपी तक शिकायत
गांव वालों का आरोप है कि बजरी से भरे डंपर लगातार गोचर की जमीन से निकल रहे हैं। इसका भी ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे कि मार्किंग नहीं होने से गोचर और श्मशान भूमि के पास अवैध खनन हो रहा है। इसकी शिकायत भी सीएम से लेकर कलेक्टर और एसपी को कर चुके हैं। इसके बाद भी ये विवाद खत्म नहीं हुआ। गांव से एक किलोमीटर दूर श्मशान है। यहां से बजरी से भरे डंपर निकलने लगे तो मंगलवार सुबह 10:30 बजे गांव के बलदेव और महेंद्र समेत चार युवक मौके पर पहुंचे। उन्होंने डंपर गुजरने का विरोध किया। ग्रामीणों ने बताया कि इस पर गुस्साए कर्मचारियों ने पिकअप से दोनों को टक्कर मार दी। इनकी बाइक पर भी पिकअप चढ़ा दी। इसके बाद मामला बिगड़ गया।
बवाल के बाद चेक पोस्ट पर खड़ी गाड़ियों को किया आग के हवाले
बलदेव और महेंद्र पर हमले के बाद से ग्रामीण भड़क गए। 60 से ज्यादा ग्रामीण रॉयल्टी चेक पोस्ट पहुंचे और वहां खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने 2 जेसीबी, 3 डंपर, 1 कार, एक बोलेरो कैंपर समेत चेक पोस्ट के केबिन, सोलर प्लेट और वहां रखे 15 से 20 पलंग को आग लगा दी। ये भी बताया जा रहा है कि सूचना मिलते ही डांगियावास पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। भीड़ को रोकने का भी प्रयास किया गया, लेकिन हालात बेकाबू हो गए। इस दौरान पुलिसकर्मी जब वीडियो बनाने लगे तो कुछ ग्रामीणों ने उनके मोबाइल छीनकर आग के हवाले कर दिया। सूचना मिलने पर नागोरी गेट और शास्त्री नगर फायर ऑफिसर दौलत राम विश्नोई के नेतृत्व में टीम गांव पहुंची और आग पर काबू पाया। पुलिस की ओर से डांगियावास थाने में गांव वालों के खिलाफ शिकायत दी जा रही है।
घटना के बाद छावनी में तब्दील हुआ इलाका
घटना की जानकारी मिलने के बाद शाम करीब 4 बजे डीसीपी अमृता दुहन, एडीसीपी नाजिम अली, एसीपी मंडोर राजेंद्र दिवाकर गांव पहुंचे। यहां ग्रामीणों से घटना के बारे में जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि बलदेव और महेंद्र दोनों को जोधपुर शहर के शास्त्री नगर स्थित मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। गांव के श्मशान में जिस जगह विवाद हुआ था, पुलिस अधिकारी वहां भी मौके पर पहुंचे। यहां बजरी का ढेर मिला है।
ग्रामीणों और लीज धारकों के बीच दो दिन पहले हुई थी बैठक
डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि लीज होल्डर और ग्रामीणों के बीच हुए झगड़े में पथराव हुआ है। कुछ गाड़ियाें को आग के हवाले कर दिया गया है। इसमें गांव के 4 लोगों को चोटें आई हैं। इसमें दो के पैर में, एक के हाथ में और एक की अंगुली में फ्रैंक्चर है। इन पर हमले के बाद गांव के लोगों ने मंगलवार सुबह कैंप को आग लगा दी है। इसके बाद लीज होल्डर के 7 कर्मचारियों और आग लगाने वाले 4 लोगों को डिटेन किया गया है। उन्होंंने बताया कि इससे पहले जब शिकायत मिली तो 13 नवंबर रविवार को गांव और लीज होल्डर के साथ बैठक हुई थी। गांव के लोगों का कहना था कि गोचर और श्मशान भूमि में भी ये माइनिंग कर रहे हैं। सोमवार को माइनिंग और रेवेन्यू विभाग की टीम पहुंची थी और मार्किंग के निर्देश दिए थे।
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